उत्तर प्रदेश

FACEBOOK ने ‘इंडिया’ को पहुंचाया पिता की कलाकृतियों तक…

आस्ट्रेलिया की रहने वाली इंडिया मेहता को फेसबुक ने उनकी पिता की कलाकृतियों तक पहुंचा दिया। इंडिया को पता ही नहीं था कि उनके पिता फ्रेड मेहता की तीन दर्जन से अधिक मूर्तियां और चित्र बनारस में हैं। पिछले कुछ माह पूर्व जब इंडिया ने अपने पिता की मृत्यु की सूचना फेसबुक पर पोस्ट की तो फ्रेड के मूर्तिकार मित्र काशी के मदनलाल दु:खी हो गए।FACEBOOK ने 'इंडिया' को पहुंचाया पिता की कलाकृतियों तक...
उन्होंने फेसबुक के जरिए इंडिया मेहता से संपर्क किया और उन्हें उनके पिता की कृतियों के बारे में जानकारी दी। जानकारी से आश्चर्यचकित इंडिया मेहता ने बीएचयू के प्रोफेसर मदनलाल से संपर्क किया और पिता की कृतियों के दर्शन के लिए बेचैन हो उठी। 

जानकारी से आश्चर्यचकित इंडिया मेहता ने  मदनलाल से संपर्क किया और पिता की कृतियों के दर्शन के लिए बेचैन हो उठी। पिता की बनाई हुई कृतियों को देखने के वह लिए काशी आ गई। फ्रेड मेहता की कलाकृतियों को देखकर इंडिया भावुक हो गईं। इन कलाकृतियों को फ्रेड मेहता ने 2013 में रामछाटपार शिल्पन्यास में तीन महीने लगातार रहकर तैयार किया था।

इन कृतियों को अंतिम स्वरूप देने में बीएचयू के दृश्य कला संकाय के मूर्तिकार मदनलाल और उनके शिष्यों ने सहयोग किया था। इनमें मेटल से तैयार 21 मूर्ति शिल्प तथा पत्थरों और कागज पर उकेरी गई 25 कलाकृतियां शामिल हैं। 

इंडिया मेहता ने बताया कि मुझे तो पता ही नहीं था कि मेरे पिता ने अपनी कृतियों के साथ ही बहुत सारी निशानियां भी बनारस में छोड़ रखी हैं। उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले सामान देख कर मैं पुन: अपने पिता को अपने पास महसूस कर रही हूं। मदनलाल ने बताया कि फेसबुक से जानकारी मिलने के बाद मैंने इंडिया से कहा था कि वह जब चाहे अपने पिता की कलाकृतियों को अपने साथ ले जा सकती है। मुझे भी बहुत संतोष मिला कि बेटी को उसके पिता की यादों से मिला सका।

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