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FIFA : कल मेसी पर होंगी सबकी निगाहें, आइसलैंड के खिलाफ उतरेगी अर्जेंटीना

फुटबॉल जगत के सुपर स्टार लियोनेल मेसी की अगुवाई वाली अर्जेंटीना की टीम अपने वर्ल्ड कप अभियान की शुरुआत शनिवार को करेगी. वह पहली बार फीफा विश्व कप में खेल रही आइसलैंड के खिलाफ धमाकेदार शुरुआत करने के इरादे से मैदान पर उतरेगी. मॉस्को के स्पार्टक स्टेडियम में यह मुकाबला भारतीय समयानुसार शाम 6.30 बजे से खेला जाएगा.

फुटबॉल जगत के सुपर स्टार लियोनेल मेसी की अगुवाई वाली अर्जेंटीना की टीम अपने वर्ल्ड कप अभियान की शुरुआत शनिवार को करेगी. वह पहली बार फीफा विश्व कप में खेल रही आइसलैंड के खिलाफ धमाकेदार शुरुआत करने के इरादे से मैदान पर उतरेगी. मॉस्को के स्पार्टक स्टेडियम में यह मुकाबला भारतीय समयानुसार शाम 6.30 बजे से खेला जाएगा.  बार्सिलोना के स्टार मेसी अपने देश को बड़े टूर्नामेंटों में खिताब दिलाने में नाकाम रहे हैं. पिछली बार की उपविजेता अर्जेंटीना यहां तीसरी बार विश्व चैंपियन बनने के लक्ष्य के साथ रूस पहुंची है और सभी की निगाहें मेसी पर टिकी हैं.  FIFA 2018: रूस ने सऊदी अरब को 5-0 से रौंदा, यूरी ने दागा वर्ल्ड कप का पहला गोल  विश्व कप में ग्रुप डी में सभी टीमें लगभग बराबरी की हैं. इसमें आइसलैंड को ही कुछ कमजोर माना जा रहा है, लेकिन पिछले दो वर्षों में उसने शानदार प्रदर्शन किया है और ऐसे में उसे कम करके आंकना किसी भी टीम के लिए भूल होगी. इसके बावजूद अर्जेंटीना की निगाह इस मैच में बड़ी जीत दर्ज करने पर टिकी रहेगी, क्योंकि इसके बाद उसका सामना नाईजीरिया और क्रोएशिया जैसी दमदार टीमों से होगा.  अर्जेंटीना का क्वालिफाइंग का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था और एक समय उस पर विश्व कप से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन मेसी ने इक्वाडोर के खिलाफ हैट्रिक जमाकर अपनी टीम को रूस का टिकट दिलाया था.  अर्जेंटीना की टीम मेसी पर किस कदर निर्भर है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि क्वालिफाइंग के बाद उसने स्पेन और नाईजीरिया के खिलाफ जो दो मैच गंवाए उन दोनों में यह स्टार स्ट्राइकर नहीं खेल पाया था. अब ग्रुप डी के पहले मैच में फिर से उसका दारोमदार मेसी पर रहेगा.  FIFA 2018: वर्ल्ड कप में रोनाल्डो और मेसी में कौन किस पर भारी?  मेसी 2014 में विश्व कप जीतने का अपना सपना पूरा करने के करीब पहुंचे थे, लेकिन फाइनल में जर्मनी के हाथों 1-0 की हार उन्हें अब भी सालती होगी. वह निश्चित तौर पर यहां इसकी भरपाई करना चाहेंगे. गोलकीपर सर्जियो रोमेरो और फॉरवर्ड मैनुएल लांजिनी के चोटिल होने के कारण बाहर होने से 30 वर्षीय मेसी की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है.  इस मैच में आइसलैंड के लिए मेसी, सर्जियो एगुएरा, एंजेल डि मारिया और गोंजालो हिगुएन को रोकना चुनौती होगी. जार्ज सांपोली की टीम अर्जेंटीना को हालांकि मैच में पूरा दमखम लगाना होगा, क्योंकि आइसलैंड पहले यूरो 2016 के क्वार्टर फाइनल और फिर विश्व कप के लिए क्वालिफाई करके अपनी क्षमता का परिचय दे चुका है.  आइसलैंड के कोच हीमिर हालग्रिमसन को विश्वास है कि विश्व कप में भी उनकी टीम अपना यह प्रदर्शन दोहरा सकती है. अर्जेंटीना के बाद ग्रुप डी में उसे क्रोएशिया और नाईजीरिया का सामना करना है. क्वालिफायर में आइसलैंड और क्रोएशिया एक ही ग्रुप में थे. इस ग्रुप में आइसलैंड शीर्ष पर रहा था.  गाइल्फी सिगर्डसन के पूरी तरह फिट होने से आइसलैंड को मजबूती मिली है. उनके अलावा अल्फ्रेड फिनबोगसन और जोहान बर्ग गुडमंडसन भी अनुभवी खिलाड़ी हैं, जिनके दम पर आइसलैंड उलटफेर के बारे में सोच सकता है.बार्सिलोना के स्टार मेसी अपने देश को बड़े टूर्नामेंटों में खिताब दिलाने में नाकाम रहे हैं. पिछली बार की उपविजेता अर्जेंटीना यहां तीसरी बार विश्व चैंपियन बनने के लक्ष्य के साथ रूस पहुंची है और सभी की निगाहें मेसी पर टिकी हैं.

विश्व कप में ग्रुप डी में सभी टीमें लगभग बराबरी की हैं. इसमें आइसलैंड को ही कुछ कमजोर माना जा रहा है, लेकिन पिछले दो वर्षों में उसने शानदार प्रदर्शन किया है और ऐसे में उसे कम करके आंकना किसी भी टीम के लिए भूल होगी. इसके बावजूद अर्जेंटीना की निगाह इस मैच में बड़ी जीत दर्ज करने पर टिकी रहेगी, क्योंकि इसके बाद उसका सामना नाईजीरिया और क्रोएशिया जैसी दमदार टीमों से होगा.

अर्जेंटीना का क्वालिफाइंग का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था और एक समय उस पर विश्व कप से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन मेसी ने इक्वाडोर के खिलाफ हैट्रिक जमाकर अपनी टीम को रूस का टिकट दिलाया था.

अर्जेंटीना की टीम मेसी पर किस कदर निर्भर है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि क्वालिफाइंग के बाद उसने स्पेन और नाईजीरिया के खिलाफ जो दो मैच गंवाए उन दोनों में यह स्टार स्ट्राइकर नहीं खेल पाया था. अब ग्रुप डी के पहले मैच में फिर से उसका दारोमदार मेसी पर रहेगा.

मेसी 2014 में विश्व कप जीतने का अपना सपना पूरा करने के करीब पहुंचे थे, लेकिन फाइनल में जर्मनी के हाथों 1-0 की हार उन्हें अब भी सालती होगी. वह निश्चित तौर पर यहां इसकी भरपाई करना चाहेंगे. गोलकीपर सर्जियो रोमेरो और फॉरवर्ड मैनुएल लांजिनी के चोटिल होने के कारण बाहर होने से 30 वर्षीय मेसी की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है.

इस मैच में आइसलैंड के लिए मेसी, सर्जियो एगुएरा, एंजेल डि मारिया और गोंजालो हिगुएन को रोकना चुनौती होगी. जार्ज सांपोली की टीम अर्जेंटीना को हालांकि मैच में पूरा दमखम लगाना होगा, क्योंकि आइसलैंड पहले यूरो 2016 के क्वार्टर फाइनल और फिर विश्व कप के लिए क्वालिफाई करके अपनी क्षमता का परिचय दे चुका है.

आइसलैंड के कोच हीमिर हालग्रिमसन को विश्वास है कि विश्व कप में भी उनकी टीम अपना यह प्रदर्शन दोहरा सकती है. अर्जेंटीना के बाद ग्रुप डी में उसे क्रोएशिया और नाईजीरिया का सामना करना है. क्वालिफायर में आइसलैंड और क्रोएशिया एक ही ग्रुप में थे. इस ग्रुप में आइसलैंड शीर्ष पर रहा था.

गाइल्फी सिगर्डसन के पूरी तरह फिट होने से आइसलैंड को मजबूती मिली है. उनके अलावा अल्फ्रेड फिनबोगसन और जोहान बर्ग गुडमंडसन भी अनुभवी खिलाड़ी हैं, जिनके दम पर आइसलैंड उलटफेर के बारे में सोच सकता है.

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