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निराश्रित पशुओं को भी भोजन उपलब्ध कराएं सरकारी विभाग: मंडलायुक्त

लखनऊ: लॉकडाउन का आज 17वां दिन है। पिछले दो सप्ताह से ज्यादा से समय से मनुष्य अपने घरों में कैद है। सडकों और बाजारों में है तो बस सन्नाटा और खामोशी। इस लॉकडाउन ने इंसान के साथ-साथ कुछ बेजुबानों को भी परेशान कर दिया है। सड़कों पर घूमने वाले गौवंश और श्वान इन दिनों भूख और प्यास से बेहाल हो रहे हैं। जिसके देखते हुए लखनऊ मंडल के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम बड़ा फैसला लिया है।

शुक्रवार को एक आदेश जारी करते हुए मुकेश मेश्राम ने मंडल के सभी जनपदों में इंसानों के साथ-साथ निराश्रित पशुओं, गाय, बंदर व श्वानों को भोजन कराने को कहा है। मंडलायुक्त ने अपर निदेशक पशुपालन डॉ. आरपी सिंह को निर्देश दिया है कि उनके आदेश का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित कराया जाए। मंडल के सभी जनपदों में निगरानी हो। सभी स्थानीय निकायों व पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जनपदों में सोसाइटी फॉर प्रिवेन्शन आफ क्रूएल्टि अगेंस्ट एनीमल्स (एसपीसीए), नगर निकायों व अन्य पशु कल्याण संस्थाओं के सहयोग से निराश्रित पशुओं को भोजन की व्यवस्था की जाए।

मण्डलायुक्त ने बताया कि निराश्रित गौवंश आश्रय स्थलों पर कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों को सावधानी बरतने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने व मास्क आदि लगाने को कहा गया है। मण्डल के सभी जनपदों में निराश्रित पशुओं, गोवंश, कपिवंश, श्वानवंश आदि का भरण-पोषण पशुपालन विभाग, नगर निगम, नगर पालिका व अन्य समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से किया जा रहा है। जीव बसेरा समिति द्वारा 70 श्वानवंश, चित्रा स्वयं सेवा संस्थान द्वारा 28 गोवंश व 35 श्वानवंश, एमआरएसपी सेवा समिति मानक नगर द्वारा 60 श्वानवंश, राष्ट्रीय गोरक्षा समिति द्वारा 28 कपिवंश, 90 गोवंश व 65 श्वानवंश, कान्हा उपवन नगर निगम द्वारा 150 गोवंश व 95 श्वानवंश, सोसायटी वेलफेयर द्वारा 25 श्वानवंश एवं एसपीसीए के द्वारा 64 पशुओं को दैनिक पोषित किया जा रहा है। इसके अलावा अनेक रेजीडेण्ट वेलफेयर सोसाइटियों द्वारा भी इन्हें भोजन दिया जा रहा है। अपर निदेशक पशुपालन ने बताया कि मण्डल में पशु-पक्षी आहार सामग्री यथा भूसा, हरा चारा, मक्का, सोया, कैटिल फीड, पोल्ट्रीफीड, फिशफीड, डॉगफीड, कुक्कुट दाना आदि की आपूर्ति करने वाले वाहनों व कर्मचारियों को प्रतिबन्ध से मुक्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। सभी वाहनों व कर्मचारियों को पास जारी किए गए हैं।

जिससे मंडल के सभी जनपदों में गोवंश आश्रय स्थल एवं स्थायी वृहद गौसंरक्षण केंद्रों में संरक्षित पशुओं को भूसा, आहार की आपूर्ति बिना किसी रुकावट के हो रही है। खेतों में गेंहू की फसल इस समय तैयार खड़ी है, कोरोना कहर के कारण किसान अपने खेतों पर नहीं जा पा रहे हैं, ऐसे में फसल की देखभाल करने के लिए खेतों में कोई नहीं है द्य बढती गर्मी, किसी चिंगारी, शार्ट सर्किट के कारण कई जनपदों में किसान की फसल में आग लग जा रही है फसल के जल जाने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कहा कि रामपुर, हमीरपुर, झाँसी, बिल्लोर, सुल्तानपुर के कादीपुर गावं सहित प्रदेश भर में खेतों में तैयार खड़ी फसल जलने की घटनाएँ सामने आई है, एक तरफ कोरोना कहर से देशवासियों का जीवन संकट में है वहीं दूसरी तरफ अनाज का जल जाना बेहद चिंताजनक है।

किसानों ने इन फसलों के ऊपर सरकार से कर्जा भी ले रखा है, फसल जल जाने से किसान बैंको का कर्जा कैसे लौटायेंगे, उन्होंने बताया कि सुल्तानपुर के गावं कादीपुर में लगभग तीन दर्जन किसानों की 60 बीघा गेंहूँ की फसल जलकर राख हो गई है, पार्टी के पदाधिकारियों ने वहां पहुंचकर किसानों से बात की। किसानों के दु:ख-तकलीफों को साझा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश के जिन किसानों की फसलें जल गई है, उन्हें 25 हजार रुपया प्रति बीघा मुआवजा दिया जाये और उनका लोन  माफ किया जाये।

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