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खेलो इंडिया यूथ गेम्स : मानवादित्य राठौर व मनीशा कीर का ट्रैप स्पर्धा में सोने पर निशाना

पुणे। राजस्थान के निशानेबाज मानवादित्य राठौर ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2019 में शनिवार को शिव छत्रपति स्टेडियम स्पोटर्स कॉम्पलेक्स में पुरुष अंडर-21 ट्रैप स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया. पुरुषों में जहां केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर के बेटे मानवादित्य ने सोने का तमगा हासिल किया.महिला वर्ग में मछुआरे की बेटी मध्य प्रदेश की मनीषा कीर ने अंडर-21 ट्रैप स्पर्धा में स्वर्ण हासिल किया. उन्होंने दिल्ली की कीर्ति गुप्ता को 38-35 के स्कोर से मात दी.
मानवादित्य ने अच्छी शुरुआत नहीं की थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपने आप को संभाला. इधर मानवादित्य ने लय हासिल की तो वहीं एशियाई खेल-2018 में रजत पदक जीतने वाले लक्ष्य श्योराण अपनी लय खो बैठे और चौथे स्थान पर रहे. हरियाणा के भोवनीश मेनडिराटा और उत्तर प्रदेश के शार्दूल विहान को क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान मिला. मानवादित्य ने पहले 10 निशानों में सिर्फ पांच में ही सही स्कोर किया लेकिन इसके बाद उन्होंने दमदार वापसी करते हुए स्वर्ण जीता. मानवादित्य ने क्वालीफिकेशन में 125 में से 116 अंक हासिल कर तीसरे स्थान के साथ फाइनल में जगह बनाई थी।
जीत के बाद इस युवा निशानेबाज ने कहा, ‘‘आपके पास दो विकल्प होते हैं- या तो लड़ो या हार मान लो. आप जब अभ्यास में काफी मेहनत करते हैं तो आपका दिल हार मानने को नहीं कहता। आप उसके लिए लड़ते हैं जो आपके लिए सही है। मुझे अपने आप को परखने का समय मिला.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीच में मैंने एक-दो टारगेट मिस कर दिए थे लेकिन जब मैंने बंदूक उठाई तो मुझे आत्मविश्वास मिला. चूंकि मेरी कोशिश सीनियर टीम में जगह बनाने की है तो इस लिहाज से अगले महीने होने वाली ट्रायल्स के लिए तैयार करने का यह यह मेरे लिए सही मंच है.’’ मानवादित्य ने कहा, ‘‘क्वालीफिकेशन की फाइनल स्टेज की दूसरी सीरीज में मैंने दो टारगेट मिस कर दिए थे. मुझे अपने आप को अंत तक रोकना चाहिए था. मैं अपनी गलतियों से सीखूंगा और सुनिश्चित करूंगा कि मैं इन्हें दोहराऊं नहीं.”
19 साल के मानवादित्य ने फाइनल में दवाब के बारे में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि दवाब जरूरी है क्योंकि यह आपको सचेत रखता है. आपको बस अपने आप को ज्यादा सोचने से बचाना होता है. मेरे माता-पिता ने मुझे अच्छी तरह से गाइड किया है. मैं सही हाथों में हूं.’’

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