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माइक पोम्पियो ने कहा- अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत हल होना चाहिए दक्षिण चीन सागर का मुद्दा

वाशिंगटन (एजेंसी): अमेरिका ने आसियान के सदस्य देशों के उस बयान का स्वागत किया है जिसमें कहा गया है कि दक्षिण चीन सीगर के मुद्दे का हल अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत होना चाहिए। इस बात की जानकारी शनिवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने दी।

पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका आसियान नेताओं के इस आग्रह का स्वागत करता है कि दक्षिण चीन सागर के विवादों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप सुलझाया जाना चाहिए, जिसमें यूएनसीएलओएस भी शामिल है। चीन को एससीएस को अपने समुद्री साम्राज्य के रूप में मानने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस विषय पर जल्द ही हमें कुछ और कहना होगा।’
 

36वें आसियान सम्मेलन के बाद सदस्य देशों ने एक साझा बयान जारी करते हुए दक्षिण चीन सागर में जारी स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की। आसियान नेताओं ने दक्षिण चीन सागर में शांति बनाए रखना और उसे बढ़ावा देना, सुरक्षा, स्थिरता, रक्षा और नेविगेशन की स्वतंत्रता पर जोर दिया।

चीन ऐतिहासिक आधार पर दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से पर अपना दावा कर रहा है इसके खिलाफ आसियान देशों के नेताओं ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा, ‘हम दोहराते हैं कि 1982 में हुई संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि, समुद्री अधिकार, संप्रभुता, अधिकार क्षेत्र और वैधता निर्धारित करने के लिए आधार है।’

इस अंतरराष्ट्रीय संधि में देशों के समुद्र पर अधिकार, सीमांकन और विशेष आर्थिक क्षेत्र को परिभाषित किया गया है और इसी आधार पर मछली पकड़ने और संसाधनों का दोहन करने का अधिकार मिलता है। बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र की समुद्री कानून संधि ने कानूनी ढांचा मुहैया कराया है जिसके अंतर्गत सभी समुद्री गतिविधियां होनी चाहिए।

इस साल वियतनाम आसियान संगठन का नेतृत्व कर रहा है। उसने ही इस अध्यक्षीय बयान का मसौदा तैयार किया है जिसपर चर्चा नहीं होती, बल्कि राय-मशविरा के लिए सदस्य देशों को भेजा जाता है। बता दें कि वियतनाम समुद्री विवाद के मुद्दे पर चीन के खिलाफ मुखर रहा है। चीन ने हाल के वर्षों में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस समुद्री क्षेत्र पर दावे को लेकर आक्रमक रुख अपनाया हुआ है।

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