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कानपुर में नमाज अदा करने के लिए मिलेंगे टोकन, जानिए क्या है तैयारी?

कानपुर, 26 जून दस्तक (ब्यूरो) : कोविड-19 महामारी और गाइडलाइन को देखते हुए सुन्नी उलमा काउंसिल कानपुर की मस्जिदों में भी केरल मॉडल लागू करने जा रहा है। इसके तहत अब यहां नमाज पढ़ने आने वाले लोगों को टोकन जारी किए जाएंगे। इससे मस्जिद में नमाजियों की संख्या सीमित रहेगी। सुन्नी उलमा काउंसिल का कहना है कि कानपुर के बाहर की मस्जिदों में भी यह व्यवस्था लागू होगी।

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सुन्नी उलमा काउंसिल का कहना है कि अनलॉक-2 के लिए जब गाइडलाइन जारी किए जाएंगे तब से फजिर (सुबह साढ़े चार बजे) के वक्त आने वाले नमाजियों को टोकन दे दिया जाएगा। फिर इन्हीं नमाजियों को पांचों वक्त की नमाज में आने का मौका मिलेगा। शाम के वक्त की नमाज यानी ईशा में यह टोकन वापस ले लिए जाएंगे।
अनलॉक-2 के बाद शुरू होगी टोकन प्रणाली
सुन्नी उलमा काउंसिल के महामंत्री हाजी सलीस ने बताया, ‘हम चाहते हैं कि अनुमति मिलने के बाद हमारी वजह से किसी तरह की असुविधा न हो। ये महामारी है और हम सबको मिलकर लड़ना है। हमने मीटिंग कर ये रास्ता निकाला कि टोकन वितरण प्रणाली शुरू किए जाएं।’ उन्होंने कहा, ‘जब धार्मिक स्थल खोलने की बात हुई तो प्रशासन ने केवल पांच लोगों को नमाज पढ़ने की अनुमति दी। ऐसे में तय करना मुश्किल हो रहा था कि किन 5 लोगों को अनुमति दी जाए।’

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टोकन प्रणाली के फायदे
हाजी मोहम्मद सलीस ने आगे बताया, ‘अनलॉक-2 में अगर मस्जिद में नमाज पढ़ने वालों की संख्या बढ़ाई जाती है तो हमारे लिए चयन में और मुश्किल हो जाएगी। ऐसे में हमने यहां भी केरल मॉडल लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। ये रास्ता निकाला गया है कि जो लोग फजिर की नमाज में आएंगे, उतने लोगों को टोकन दिए जाएंगे और फिर ईशां की नमाज में टोकन जमा हो जाएंगे। अगल दिन जो लोग आएंगे उन्हें टोकन दिए जाएंगे। इससे चयन में कोई झगड़े नहीं होंगे।’ उन्होंने कहा कि जब अनलॉक-2 धार्मिक स्थल खुलेंगे तो इस फॉर्म्युले को अपनाया जाएगा। प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी जाएगी।
मस्जिद में 5 बार की नमाज
बता दें कि मस्जिद में पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है। सुबह यानी फजिर की नमाज (04:30-5 बजे के करीब), जोहर (01:30 से 2 बजे के करीब), असिर (शाम 5 बजे के करीब ), मगरिब (शाम 7 बजे के करीब) और ईशां (रात 8:30 बजे के बाद) होती है।

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