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RBI के लक्ष्य से आगे निकली महंगाई दर, खाने-पीने की चीजों के बढ़े दाम

इस साल अक्टूबर में खाने-पीने के सामान की कीमतों में वृद्धि के चलते खुदरा महंगाई दर (रिटेल इंफ्लेशन) बढ़कर 4.62 फीसद हो गई। सरकार की ओर से बुधवार को जारी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) आधारित महंगाई दर के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने महंगाई की दर रिजर्व बैंक के लक्ष्य से आगे निकल गई। केंद्रीय बैंक ने देश में महंगाई की दर को चार फीसद तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है।

इससे पहले सितंबर में महंगाई की दर 3.99 फीसद पर रही थी। अगर पिछले साल अक्टूबर से तुलना करें तो इस साल अक्टूबर का आंकड़ा एक फीसद से भी अधिक है। पिछले साल अक्टूबर में मुद्रास्फीति की दर 3.38 फीसद पर थी।

खाद्य पदार्थ हुए महंगे

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अक्टूबर में मुद्रास्फीति में वृद्धि की मुख्य वजह खाने-पीने के सामानों का महंगा होना है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में पिछले महीने 7.89 फीसद की वृद्धि दर्ज की गयी। इस साल सितंबर में यह आंकड़ा 5.11 फीसद पर था।

आरबीआई की पॉलिसी मीटिंग के लिहाज से अहम

उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक बैठक में नीतिगत दरों की समीक्षा करता है। महंगाई के आंकड़े नीतिगत दरों के निर्धारण में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस साल अब तक मुद्रास्फीति के काबू में रहने की वजह से ही केंद्रीय बैंक रेपो दर में कुल 1.35 फीसद तक की कटौती कर सका है। केंद्रीय बैंक ने देश में डिमांड को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट में कमी की है।

सितंबर में भी बढ़ी थी महंगाई

इससे पहले सितंबर में सब्जियों के दामों में 15.40 फीसद की वृद्धि हुई थी। उससे पहले अगस्त में सब्जी के भाव 6.90 फीसद बढ़े थे। दूसरी ओर दालों के दाम में वृद्धि की बात करें तो सितंबर में वह 8.4 फीसद पर था। पिछले महीने सीपीआई आधारित महंगाई दर रिजर्व बैंक के अनुमान के मुताबिक ही था।

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