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कोरोना से युद्ध में ‘योगी’ बने ‘कर्मयोगी’

 

खनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना महामारी से युद्ध में पूरी तरह एक धुर कर्मयोगी की भूमिका निभा रहे हैं। इस संक्रमण के खिलाफ यूपी के मुख्यमंत्री इन दिनों दिन रात मेहनत कर अकेले ही मोर्चा संभाले हुए हैं। वह इसके लिए अधिकारियों के साथ कई राउंड मीटिंग करते हैं । उन्होंने ठान रखा है कि देश में अन्य राज्यों में भले कोरोना संक्रमण काफी फैल चुका है लेकिन वह इसे यूपी में अधिक पांव नही पसारने देंगे। यह लगातार तैयारियों का जायजा लेने और उन्हें मूर्तरूप देने के लिए स्वयं सक्रिय रहते है। इस महामारी से पीडि़तों को जहां बेहतर इलाज दिलाने के लिए वे आला अधिकारियों के साथ चिकित्सकों के संपर्क में है तो इसको लेकर नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं को परखने के लिए भी वे स्वयं भौतिक सत्यापन कर रहे है।

कोरोना जैसी महमारी से निपटने के लिए उनकी सक्रियता देखते बन रही है। इसी कड़ी में उन्होंने शनिवार को प्रदेश के विधायकों और अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रविवार को प्रदेश से चुनकर गए सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों के साथ इस महामारी की स्थिति से निपटने के लिए वार्ता की। यही नहीं सीएम ने प्रदेश के 75 जिलों से ताल्लुक रखने वाले धर्मगुरुओं के साथ बात करके उनसे भी लॉकडाउन और इसे खुलने पर की जाने वाली तैयारियों के सम्बन्ध में सलाह मशविरा किया।

सीएम के लिए जनता पहले है बाकी सब बाद में

देखने में आरहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा दोनों उपमुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल का कोई अन्य सदस्य इस तरह सड़कों पर नहीं दिख रहा है जिस तरह मुख्यमंत्री मोर्चा संभाले हुए हैं इससे स्पष्ट होता है कि उनका एजेंडा एक दम साफ़ है कि ‘जनता पहले है बाकी सब बाद में’। लाकडाउन की घोषणा होने के बाद से मुख्यमंत्री स्वयं जिलों से जानकारी ले रहे है तथा इससे निपटने के लिए सरकारी तैयारियों के बारे में अधिकारियों से भी फीडबैक ले रहे है।

योगी खुद परख रहे काम-काज की जमीनी हकीकत

सीएम का आदेश है कि इस महामारी को लेकर जो लोग पलायन कर रहे है उनकों वहीं का वहीं रोक दिया जाए तथा उनके रहने-खाने की समुचित और पर्याप्त व्यवस्था की जाए। इस मुद्दे पर जमीनी हकीकत जानने को वे स्वयं भी पहुंच रहे है। पिछले दिनों उन्होने राजधानी के महानगर स्थित कल्याण मंडप पहुंचकर लोगों को वितरित होने वाले लंच पैकेट की गुणवत्ता परखी। इसी तरह उन्होंने विभिन्न स्थानों से लखनऊ से पहुंच रहे लोगों से काकोरी में पहुंचकर उनकी समस्याएं सुनी और अधिकारियों को उसके निस्तारण के निर्देश दिए।

कोई भी भूखा न रहे, इसके स्पष्ट आदेश

मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को और मजबूत करने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि अन्य राज्यों से यूपी लौटने वाले श्रमिकों को अनिवार्य रूप से घर पर रखा जाए। इसके तहत स्थानीय अधिकारी क्वारंटाइन में संबंधित लोगों के घर या आवासीय योजना के गेट पर एक नोटिस चस्पा कराएंगे।

जन प्रतिनिधियों से बनाया सीधा जुड़ाव

सीएम ने विधायक, सांसद, राज्य एवं केंद्र सरकार के मंत्रीगण आदि से इस महामारी पर सलाह मशविरा के लिए सीधा जुड़ाव बनाया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक लगभग 60,000 ग्राम पंचायतों को कोरोना को लेकर संवेदनशील बनाया गया है और ग्राम प्रधानों को इस बात की भी जानकारी दी गई है कि वे बाहर से आ रहे व्यक्तियों के बारे में बताएंगे। कोरोना से पीडि़त लोगों को समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए अलग से व्यवस्था की गयी है,

दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये

राजधानी के एसजीपीजीआई में  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं निरीक्षण किया साथ ही प्रशासन के साथ चिकित्सा शिक्षा के अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि कोई भी कोरोना पीडि़त आता है तो उसके त्वरित और प्रभावी उपचार की व्यवस्था तैयार रखी जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों को आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के साथ इसको लेकर आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। दिल्ली के यूपी भवन में जो नियंत्रण कक्ष बनाया गया है उसका भी मुख्यमंत्री ने स्वयं निरीक्षण किया।

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