रामनगर(नैनीताल): बाघों के अभयारण्य जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में सफारी महंगी हो गई है। कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने वन विश्राम गृहों के रेट जीएसटी लगाकर बढ़ा दिए हैं। यही नहीं जिप्सी स्वामियों के पक्ष में भी कॉर्बेट प्रशासन मेहरबान हुआ है। कॉर्बेट प्रशासन ने जो संशोधित रेट लिस्ट बनाई है। उसमें अब पर्यटकों को पहले से अधिक जेब ढीली करनी होगी।
पर्यटकों को जहां बिजरानी पर्यटन जोन के पहले 16 सौ रुपये चुकाने होते थे। अब दो हजार तथा झिरना, ढेला व दुर्गा देवी रेंज के पहले 1750 की जगह अब 22 सौ रुपये शुल्क देना होगा। इसके अलावा ढिकाला में एक दिन के रात्रि विश्राम के लिए जहां 3800, दो दिन के 5500 व तीन दिन के सात हजार रुपये देने होते थे। अब पहले दिन के 4800 दूसरे दिन के सात हजार तथा तीसरे दिन के नौ हजार रुपये देने होंगे।
इसी तरह बिजरानी के 2800 की जगह 3800, दो दिन के 4400 की जगह 5500, तीन दिन के 5800 रुपये की जगह 7500 रुपये देने होंगे। झिरना के एक दिन के तीन हजार की जगह चार हजार, दो दिन के 46 सौ की जगह 6000, तीन दिन के 6000 की जगह 7500 चुकाने होंगे। इसी तरह गैरल, सुल्तान, सर्पदुली, मलानी, सोनानदी वन विश्राम गृह के रेट भी बढ़ाए गए हैं। कार्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक अमित वर्मा ने बताया कि जिप्सी के रेट कुछ सालों से नहीं बढ़े थे। इससे अधिक रेट जिप्सी स्वामी नहीं लेंगे।
कार्बेट में अलर्ट, कर्मियों के अवकाश रद
नये साल के जश्न को देखते हुए शिकारियों की घुसपैठ की आशंका पर कॉर्बेट प्रशासन सचेत हो गया। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पांच जनवरी तक अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस दौरान वन कर्मियों को संयुक्त गश्त तेज करने व फ्लैग मार्च करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इतना ही नहीं कॉर्बेट के भीतर जंगल में गश्त कर रहे वन कर्मियों के रुटीन अवकाश भी पांच जनवरी तक निरस्त कर दिए गए हैं। विशेष परिस्थिति में ही वनकर्मी को निदेशक व उपनिदेशक की संस्तुति पर अवकाश देय होगा।
जज से अधिक रुपये वसूली पर चेता पार्क प्रशासन
कॉर्बेट पार्क प्रशासन की अनदेखी का फायदा क्रिसमस पूर्व जिप्सी संचालकों ने उठाया। इस मनमानी का शिकार हाईकोर्ट इलाहाबाद के न्यायाधीश राजाराम भी हुए। रविवार को वह अपने सात परिवारिक सदस्यों के साथ कॉर्बेट के ढिकाला में रात्रि विश्राम के लिए आए थे। एक जिप्सी उनके लिए पहले से चार हजार रुपये में बुक थी, जबकि जिप्सियों के ब्लैक होने की वजह से दूसरी जिप्सी उनके लिए उपलब्ध नहीं हो पाई। जिप्सी संचालक उनसे सात हजार रुपये की मांग करते रहे। इस पर उन्होंने पार्क भ्रमण का कार्यक्रम रद कर दिया और नैनीताल चले गए।
यह मामला प्रकाश में आने पर सोमवार को कॉर्बेट पार्क प्रशासन चेता। कॉर्बेट प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि अब जिप्सी स्वामियों को पर्यटकों को निर्धारित रेट पर ही जिप्सी उपलब्ध करानी पड़ेगी। ऐसा न होने पर जिप्सी स्वामियों का कॉर्बेट से वाहन का पंजीकरण रद हो जाएगा। साथ ही जिप्सियों की नई रेट लिस्ट भी चस्पा करनी होगी।