बंद पड़े पीएफ के खातों पर भी 1 अप्रैल से मिलेगा ब्याज, 9 करोड़ लोगों को होगा फायदा
एजेन्सी/ नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 1 अप्रैल से निष्क्रिय पड़े खातों पर ब्याज देने का फैसला किया है। इस कदम से ऐसे नौ करोड़ खाताधारकों को लाभ होगा, जिसमें 32,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा हैं। ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने इस आशय का निर्णय किया। सीबीटी के अध्यक्ष श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय हैं।
सीबीटी की बैठक के बाद दत्तात्रेय ने कहा, ‘यूपीए सरकार ने निष्क्रिय खातों पर ब्याज देना बंद कर दिया था। अब हमने कर्मचारियों के हित में फैसला किया है…।’ उन्होंने कहा, ‘हमने अब निष्क्रिय पड़े खातों में ब्याज देने का फैसला किया है। अब कोई निष्क्रिय खाता नहीं होगा।’ दत्तात्रेय ने यह भी कहा कि निष्क्रिय खातों पर ब्याज का भुगतान 1 अप्रैल से किया जाएगा।
निष्क्रिय खाते वे हैं, जहां 36 महीने से कोई योगदान नहीं आ रहा है। ईपीएफओ ने 1 अप्रैल 2011 से ऐसे खातों पर ब्याज देना बंद कर दिया था। इसका मकसद इन निष्क्रिय खातों में कोष ईपीएफओ के पास छोड़े रखने को लेकर लोगों को हतोत्साहित करना था। इस फैसले से नौ करोड़ ऐसे खाताधारकों को लाभ होगा, जिसमें करीब 32,000 करोड़ रुपये जमा हैं।
सरकारी प्रतिभूतियों में ईपीएफओ का निवेश 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने कहा, वित्त मंत्रालय इस बारे में पहले ही निर्णय कर चुका है। बोर्ड ने उप-समिति की सिफारिशों के आधार पर ईपीएफओ के पुनर्गठन को भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
दत्तात्रेय ने कहा, ‘हमने ईपीएफओ के कैडर के पुनर्गठन का फैसला किया है। ईपीएफओ के 20,000 कर्मचारियों के लिए ‘करियर एडवांसमेंट स्कीम’ होगा। वे 19 साल से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि क्रियान्वयन और विसंगति समिति गठित की गई है, जो कर्मचारियों की शिकायतों पर गौर करेगी और इस पर तेजी से काम होगा।
चालू वित्त वर्ष में भविष्य निधि जमा पर 8.8 प्रतिशत ब्याज देने के सीबीटी के निर्णय के बारे में श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने कहा, ‘पिछले महीने सीबीटी की चेन्नई में हुई बैठक में इसका निर्णय किया गया और इसे वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है और मंजूरी की प्रतीक्षा है।’ किसी कर्मचारी को नौकरी छूटने पर तीन साल तक ईपीएफओ अंशधारकों के लिए बीमा कवर देने के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने उन्होंने कहा, ‘प्रस्ताव को फिलहाल टाल दिया गया है।’