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अमेरिका में लगने के लिए भारतीय कलाकार तैयार कर रहा ऐतिहासिक मूर्ति

girmitiya-56bae44f0ee21_exlstदस्तक टाइम्स एजेन्सी/ नोएडा। जब भारत ब्रिटिश हुकूमत के अधीन था उस समय दक्षिण अमेरिका के गुयाना में भी अंग्रेजों का शासन था। उसी दौरान अंग्रेजों ने भारतीय गिरमिटिया परिवारों को मजदूरी के लिए गुयाना भेजा। यह दौर कई वर्षों तक लगातार चलता रहा।

समय बदला और 1966 में गुयाना आजाद हुआ। अब इन्हीं गिरमिटिया परिवारों की मूर्ति गुयाना के जॉर्जटाउन स्थित पार्क में शान से लगेगी, जो वर्षों पूर्व की उनकी गरीबी और व्यथा दर्शाएगी। खास बात यह है कि इसे पद्म विभूषण भारतीय मूर्तिकार राम वी. सुतार बना रहे हैं।

नोएडा सेक्टर 63 में राम वी. सुतार जो मूर्ति बना रहे हैं। वह एक गरीब गिरमिटिया परिवार को दर्शा रहा है। हाथ में लाठी और कंधे पर गठरी रखे यह परिवार मजदूरी के लिए जाते दिख रहा है।

मूर्ति में एक पुरुष आगे रास्ता दिखाते हुए चल रहा है। उसके पीछे दो अन्य पुरुषों के अलावा दो महिलाएं और एक बच्चा भी है। एक मूर्ति की ऊंचाई 12 फुट, दो मूर्तियों की ऊंचाई 11.5 फुट, दो की 10.5 फुट और एक की 8.5 फुट है।

मूर्ति को पारंपरिक ढंग से पहले थर्मोकोल से बनाया जा रहा है। इसके बाद इसे कांसे में ढाला जाएगा। थर्मोकोल की तीन मूर्तियां बनकर तैयार हो चुकी हैं।

मूर्ति का काम छह माह में पूरा हो जाएगा। मूर्ति का काम पूरा होते ही इसे समुद्री रास्ते से दक्षिण अमेरिका के गुयाना स्थित जॉर्जटाउन भेजा जाएगा।

गुयाना सरकार ने गुयाना में भारत के राजदूत से मूर्ति के बाबत संपर्क किया। इसके बाद वहां से आईसीसीआर (इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशंस) के सहयोग से इसकी जानकारी राम वी. सुतार को दी गई। संस्कृति मंत्रालय सेतु का काम करेगा।

गुयाना में 30 प्रतिशत हिंदू हैं। यहां की सबसे बड़ी प्रजाति भारतीय है। यहां 200 साल तक ब्रिटेन का शासन रहा। आजादी से पहले इसका नाम ब्रिटिश गुयाना रहा। यहां काम कराने के लिए ब्रिटेन ने अपने उपनिवशों से गिरमिटिया परिवारों को भेजा, जो कि मजदूरों के रूप में यहां आए।

भारतीय गिरमिटिया मजदूरों की व्यथा और गरीबी को दर्शाती एक परिवार के छह सदस्यों की मूर्ति बनाने का काम मिला है। यह गुयाना में स्थापित की जाएगी। राम वी. सुतार, पद्म विभूषण पुरस्कार प्राप्त मूर्तिकार

गुयाना में बड़ी संख्या में भारतवंशी है। सांस्कृतिक संबंध बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के तहत भारतीय गिरमिटिया परिवार की मूर्ति गुयाना में स्थापित की जाएगी। इसके उद्घाटन के लिए भारत से कोई अतिमहत्वपूर्ण व्यक्ति जा सकता है।

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