ऋषि पृथ्वी को माता कहते हैं और आकाश को पिता
हृदयनारायण दीक्षित : हम सब प्रकृति का अंश हैं। इसलिए प्रकृति से आत्मीय सम्बंध स्वाभाविक ही श्रेष्ठ होते हैं। ऐसे सम्बन्ध बनाना ऋग्वेद के ऋषियों का स्वभाव है। पृथ्वी हम सबको धारण करती है इसीलिए वह धरती धारित्री है। इसी तरह आकाश है। वह सबको आवृत्त करता है। दशों दिशाओं से आच्छादित करता है। वह … Continue reading ऋषि पृथ्वी को माता कहते हैं और आकाश को पिता
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