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जाट आंदोलनः हालात बिगड़ने से रोकने को सरकार की बड़ी कवायद, केंद्र भी अलर्ट

जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को होने से रोकने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है, सा​​थ ही केंद्र सरकार भी अलर्ट पर है। प्रदेश में अर्ध सैनिक बलों की 20 और कंपनियां पहुंच गईं। 37 कंपनियां पहले से मोर्चा संभाले हुए हैं। राज्य सरकार ने रोहतक, सोनीपत और जींद जिलों पर मॉनीटरिंग और बढ़ा दी है। केंद्र से आई 20 कंपनियों में से अधिकांश को इन्हीं जिलों तैनात किया गया है। उधर, प्रदेश के 18 जिलों में चल रहे धरनों पर सोमवार को दूसरे दिन शांति रही।

रोहतक की सुनारिया जेल में बंद एक बंदी की भूख हड़ताल के कारण तबीयत बिगड़ गई। उसे पीजीआई रोहतक में भर्ती करवाया गया है। आंदोलन का केंद्र रोहतक ही है, इसलिए सरकार कोई मुसीबत मोल नहीं लेना चाहती।सरकार को खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार इन जिलों में आंदोलनकारी जाटों का जमावड़ा अन्य जिलों से ज्यादा है। सरकार झज्जर को अति-संवेदनशील मानकर चल रही है, चूंकि बीते साल फरवरी में आंदोलन के दौरान सबसे अधिक चौदह लोगों की मौत झज्जर में ही हुई थी।

अफवाहों से निपटने के लिए बढ़ाई मुस्तैदी

सरकार ने झूठी अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सभी मंडलायुक्त, पुलिस आयुक्त, आईजी और डीसी-एसपी सरकार को हर घटनाक्रम का पूरा फीडबैक मुहैया करा रहे हैं।

उच्च अधिकारियों ने मांगें पूरी करने को लेकर धरनों पर बैठे जाट नेताओं और अन्य लोगों से सभी शांति बनाए रखने के लिए संपर्क कायम किया हुआ है। सरकार ने फील्ड में तैनात उच्च अधिकारियों को कहा है कि धरने पर बैठे जाटों से संपर्क में रहें और अफवाह फैलने की स्थिति में उन्हें वास्तविकता से अवगत कराएं।
डीजीपी केपी सिंह ने बताया कि सूबे के सभी जिलों की इंटरनेट सेवाएं सुचारु रूप से जारी हैं। झज्जर में महज एक दिन के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद किया गया था।

विडियो क्लिप पर होगी तत्काल कार्रवाई

आरक्षण की मांग को लेकर धरने पर बैठे जाट संगठनों की तमाम गतिविधियों पर निगरानी रखने में खाप प्रतिनिधि, पंचायत और स्वयंसेवी संगठन भी सहयोग करेंगे। इस मामले में किसी भी विपरीत हालात या उपद्रव की घटना की जानकारी देने के लिए विडियो क्लिप भी तैयार कर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। कहीं भी हालात बिगड़ने की स्थिति होती है तो विडियो क्लिप की मदद से उन मामलों में सरकार की ओर से तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

सुरक्षा एजेंसियां तैनात

प्रदेश भर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियां तैनात की जा चुकी हैं, तो दूसरी तरफ इंटेलिजेंस की भी हालात पर लगातार नजरें टिकी हैं। बावजूद इसके सरकार की ओर से इस बार उन गांवों के इर्द गिर्द खास सतर्कता बरती जा रही है, जहां पिछले आंदोलन के दौरान उपद्रव जैसी स्थिति सामने आई थी।

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