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पत्रकारों की पिटाई के बाद उठे BMC अस्पतालों के बाउन्सर्स पर सवाल

gateway-of-india_650x488_71441270273दस्तक टाइम्स एजेंसी/मुंबई: मुम्बई महानगरपालिका के सायन अस्पताल में पत्रकारों की हुई पिटाई के बाद वहां तैनात बाउन्सर्स पर सवाल उठने लगे हैं। सायन अस्पताल में कवरेज करने पहुंचे टीवी चैनल की महिला रिपोर्टर और कैमरामैन के साथ गुरुवार दोपहर बदसलूकी की गई।

अस्पताल में मरीज़ और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए तैनात बाउन्सर्स ने मीडियाकर्मियों को उनका काम करने से रोकने के लिए कवरेज कर रहे कैमरामैन का कैमरा छीन लिया और पिटाई की। सायन अस्पताल के डॉक्टरों से एक ज़ख्मी इंसान की जान बचाने की अहम खबर को कवर करने मीडियाकर्मी वहां पहुंचे थे।

इस वारदात के बाद, एनसीपी ने सवाल उठाया है कि क्या BMC अपने अस्पताल में डर पैदा करने के लिए बाउन्सर्स रख रही है? अगर ऐसा है तो इससे मरीज़ और उनकी सहूलियत के लिए बने अस्पतालों के बीच वे रोड़ा बन रहे हैं। पत्रकारों पर हुए हमले की एनसीपी ने निंदा की है।

डॉक्टरों पर हो रहे हमले और अस्पताल से बच्चे चोरी की वारदात रोकने के लिए कोर्ट के आदेश के बाद BMC के अस्पतालों में निजी सुरक्षा गार्ड रखे गए हैं। इन्हें अस्पताल के महिला और शिशु मरीजों के वार्ड के बाहर तथा डॉक्टरों के ठिकानों के बाहर तैनात किया जा रहा है।

सायन अस्पताल में ईगल सुरक्षा एजेंसी के बाउन्सर्स तैनात हैं। जिनमें से किरण कुमार नाम के निजी सुरक्षाकर्मी ने मीडियाकर्मियों से बदसलूकी की। इस बीच स्थानीय समाजसेवी अरविंद सावंत ने भी महिला पत्रकारों को लेकर असभ्य बर्ताव किया। सावंत बाउन्सर्स के पक्ष में अस्पताल पहुंचे थे। मीडियाकर्मियों की लिखित शिकायत में इन बातों को बयान करने के बाद सायन पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को दोनों आरोपीयों को अदालत ने 15 हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया है।

इस बीच मुम्बई की मेयर स्नेहल अम्बेकर ने संवाददाताओं को बताया कि सायन अस्पताल में तैनात सभी निजी सुरक्षाकर्मीयों की जांच के उन्होंने आदेश दिए हैं। पत्रकारों से बदसलूकी की अनुमति किसी को नहीं।

 

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