प्रेमिका की शादी रोकने के लिए पाकिस्तान में मिली 6 साल की सजा
पाकिस्तान की जेल में 6 साल से बंद भारतीय कैदी हामिद निहाल अंसारी को आखिरकार रिहाई मिल गई. अंसारी मंगलवार को भारत लौटेंगे. पाकिस्तान ने अंसारी को 2012 में भारतीय जासूस बताते हुए कैद कर लिया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 साल पहले मुंबई के रहने वाले अंसारी फर्जी पाकिस्तानी आईडी के साथ पेशावर के नजदीक कोहाट पहुंच गए थे. अंसारी की प्रेमिका की शादी होने वाली थी और वह उससे किसी भी तरह से मिलना चाहते थे. इसी जुनून में वह अवैध तरीके से पाकिस्तान पहुंच गए. लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था. पाकिस्तान में वह गिरफ्तार कर लिए गए और सैन्य अदालत ने उन्हें जासूसी के आरोप में 3 साल जेल की सजा सुना दी.
हामिद की 3 साल की जेल की सजा खत्म होने के बाद भी पाकिस्तानी जेल से उन्हें रिहा नहीं किया गया. भारत ने हामिद की रिहाई के लिए पाकिस्तान से बात भी की थी. इससे पहले पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने वहां की सरकार को उन्हें वापस भेजे जाने की औपचारिकताएं एक महीने के भीतर पूरी कर लेने को कहा था.
हामिद की उम्र 27 साल थी, जब वह अपने घर से पाकिस्तान के कोहाट के लिए निकले थे. इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ हामिद ने एमबीए भी किया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2012 में पाकिस्तान में पकड़े जाने के वक्त हामिद एक मैनेजमेंट टीचर थे.
हामिद अपनी मां फौजिया और पिता नेहल के साथ मुंबई के वर्सोवा में एक किराए के अपार्टमेंट में रह रहा था. फौजिया मुंबई में एक स्कूल टीचर हैं जबकि नेहल एक बैंकर हैं.
हामिद 4 नवंबर 2012 को घर से अफगानिस्तान में एयरपोर्ट मैनेजर की जॉब मिलने की बात कहकर काबुल के लिए निकला था. हालांकि, पैरेंट्स ने सुरक्षा कारणों से उसे ऐसा करने से रोका लेकिन हामिद नहीं माना.
काबुल पहुंचने के बाद जब हामिद से काफी दिनों तक परिवार वालों की बात नहीं हुई तो घर वालों ने उसका सोशल मीडिया अकाउंट खंगाला. पैरेंट्स को पूरी सच्चाई पता चल गई. हामिद का दो साल से एक पाकिस्तानी लड़की से अफेयर चल रहा था. हामिद की प्रेमिका ने उससे कहा था कि उसकी बहन को उसके अफेयर के बारे में पता चल गया है और परिवार वाले उसकी शादी जबरन किसी से करा रहे हैं.
लड़की ने हामिद को सारी कहानी बताई और खुद को बचाने की गुहार लगाई. लड़की कोहाट में रहती थी जहां ऑनर किलिंग आम बात थी. हामिद घबरा गया.
हामिद प्लान बनाने लगा. वह अपनी प्रेमिका से संपर्क भी नहीं कर पा रहा था. इसके बाद हामिद ने कोहाट की रहने वाली दूसरी महिला से संपर्क कर उससे यह पता लगाने के लिए कहा कि उसकी प्रेमिका के साथ क्या हो रहा है लेकिन कुछ पता नहीं चल सका.
हामिद के पैरेंट्स ने फेसबुक चैट पढ़ीं तो पता चला कि दोनों एक-दूसरे से मिलने के लिए बेचैन थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हामिद ने पाकिस्तान उच्चायोग को भी कई पत्र लिखे और मुंबई के एक ऐक्टिविस्ट जतिन देसाई से भी मदद के लिए गुहार लगाई लेकिन सारी मेहनत बेकार गई.
तब हामिद के ऑनलाइन बने दोस्तों ने काबुल से होते हुए पाकिस्तान में अवैध तरीके से घुसने की सलाह दी. हामिद को उसके दोस्तों ने बताया कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा पर ज्यादा चेकिंग नहीं होती है. इसके अलावा हामिद के दोस्तों ने फर्जी पाकिस्तानी आईडी बनवाने में मदद करने का भी वादा किया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हामिद कोहाट तक पहुंचने में कामयाब रहा. हामिद ने कोहाट के एक होटल में फर्जी नाम से चेक-इन किया लेकिन बदकिस्मती से चेक-इन के एक घंटे के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया गया.
हामिद के पैरेंट्स को 14 महीने बाद गिरफ्तारी का पता चला. उसकी मां फौजिया अंसारी ने जब बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की तो उसके जवाब में उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि वह पाकिस्तानी सेना की हिरासत में हैं और एक सैन्य अदालत में उस पर मुकदमा चलाया जा रहा है. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भी हामिद की रिहाई नहीं हो पा रही थी हालांकि मीडिया और कई संगठनों द्वारा चलाए गए कैंपेन के बाद पाकिस्तान सरकार हामिद की रिहाई के लिए राजी हो गई.
फौजिया ने बेटे की रिहाई पर कहा, “वह नेक इरादे से वहां गया था लेकिन लापता हो गया. बाद में पकड़ा गया और जासूसी के आरोप में सजा सुना दी गई. उसे बिना वीजा के पाकिस्तान नहीं जाना चाहिए था. उसकी रिहाई मानवता की जीत है.”