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भर्ती आयोग ठप, 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति फंसी

15-thousand-teacher-recruitment-could-be-cancelled-562abdcaaafa9_exlstदस्तक टाइम्स एजेंसी/उत्तर प्रदेश के माध्यमिक एवं डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के चयन के लिए गठित भर्ती आयोगों का काम ठप पड़ा हुआ है। सरकार की ओर से भर्ती आयोग में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति न किए जाने से माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई का काम भी तेजी से पिछड़ रहा है।

अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति में देरी किए जाने से प्रतियोगी छात्रों का गुस्सा भी भड़क रहा है। यही हाल उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का है, वहां भी अध्यक्ष एवं सदस्यों के अभाव में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया ठप पड़ी है।

चयन बोर्ड एवं उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में मिलाकर 25 हजार से अधिक पदों पर चयन नहीं हो सका है।

सरकार की ओर से मनमाने तरीके से इन भर्ती आयोगों में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति किए जाने को कोर्ट में चुनौती दिए जाने और हाईकोर्ट से अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिए जाने के बाद माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा में भर्ती प्रक्रिया ठप पड़ गई है।

 
 

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में 2009, 2010 के बाद टीजीटी-पीजीटी के किसी नए पद पर भर्ती नहीं हो सकी है।

2011 में घोषित टीजीटी-पीजीटी के पदों की घोषणा के बाद कोर्ट की ओर से रोक के कारण इन पदों पर भर्ती नहीं हो सकी है। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद रोक हटी तो चयन बोर्ड में इस समय अध्यक्ष-सदस्य के न होने से काम ठप पड़ा है।

2013 में घोषित टीजीटी-पीजीटी के पदों के लिए जनवरी 2015 में परीक्षा तो कराई गई परंतु कानूनी अड़चन के कारण अभी तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया जा सका। चयन बोर्ड में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति को लेकर प्रतियोगी छात्र आंदोलित हैं।

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