फीचर्डराज्य

मामला मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े का

सीबीआई ने चार विवि से मांगी पत्र की प्रति भोपाल (एजेंसी)। प्रदेश के चार विवि के चिकित्सा शिक्षा विभाग से सीबीआई ने मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े को लेकर 28 नवंबर 2011 में जारी पत्र की प्रति मांगी है। डीएमई के पत्र से स्पष्ट होगा कि विवि ने कॉलेजों द्वारा किए गए फर्जीवाड़े में कितनी भागीदारी की है। सीबीआई के पत्र से अधिकारियों में बैचेनी बढ़ गई है।

मामला मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े का

सूत्रों की माने तो सीबीआई मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के प्रवेश में हुए फर्जीवाड़े को लेकर एक-एक साक्ष्य जुटा रही है। इसके तहत सीबीआई ने प्रदेश में संचालित बरकतउल्ला विवि भोपाल, देवी अहिल्या विवि इंदौर, विक्रम विवि उज्जैन और रानी दुर्गावति विवि जबलपुर से चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 28 नवंबर 2011 में जारी किए गए पत्र की मूल प्रति मांगी है। ये पत्र सभी विवि को छह अप्रैल तक सीबीआई कार्यालय भेजना है। इसके पहले सीबीआई बीयू को पत्र देकर डीएमई की चिठ्ठी और सत्र 2011-12 में प्रवेशित विद्यार्थियों की सूची के साथ रजिस्ट्रार यूएन शुक्ला को तलब कर चुकी हैं। बीयू ने सूची सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने बीयू से दोबारा से डीएमई की चिठ्ठी मांगी हैं। डीआर यशवंत पटेल पत्र का जवाब लेकर सीबीआई में तलब होंगे।सीबीआई ने पत्र के साथ डीएमई की चिठ्ठी की फोटो कापी संलग्न की है। इससे विश्वविद्यालय कोई और चिठ्ठी भेजकर पल्ला नहीं झाड़ पाएंगे।

डीएमई के पत्र से स्पष्ट हो जाएगा कि विवि ने कॉलेजों द्वारा किए गए फर्जीवाड़े में कितनी भागीदारी की है। डीएमई के पत्र से विवि निजी कॉलेजों से प्रवेशित विद्यार्थियों की सूची मांगकर सत्यापन कराता है। इसके बाद उनके नामांकन होते हैं। एक बार नामांकन होने के बाद विद्यार्थी का प्रवेश वैधानिक हो जाता है। सीबीआई ने प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति से एक निजी कॉलेज में हुए प्रवेश को लेकर पत्र जारी किया था। इसे कमेटी की बोर्ड के सामने रखा गया है। इसमें बोर्ड को विद्यार्थियों के सत्यापन करने संबंधी पत्र जारी का संज्ञान लिया गया। दूसरे पत्र जारी करते हुए सीबीआई ने कमेटी से भी डीएमई के प्रवेश एवं नामांकन संबंधी पत्र मांगे हैं।
सुदामा/06अप्रैल2017

Related Articles

Back to top button