उत्तर प्रदेशराज्य

UP में नेताओं ने ऐसा भरा नामांकन क‌ि EC के भी उड़ गए होश, देखकर नहीं रोक पाएंगे हंसी

आगामी उत्तर प्रदेश के व‌‌िधानसभा चुनाव के पहले चरण की नामांकन प्रक्र‌िया पूरी हो गई है। इस दौरान कई अजीबो गरीब नामांकन देखने को ‌म‌िले। कई प्रत्याशी अपनी करतूतों की वजह से हंसी का पात्र बने तो कुछ ने ऐसा पर्चा भरा क‌ि चुनाव आयोग उनपर एक्शन लेने को मजबूर हो गया है। आगे की स्लाइड्स में देखें ऐसे ही अजीब नामांकन ज‌िन्हें देख हंसे ‌ब‌िना नहीं रह पाएंगे आप|
सबसे पहले बात करते हैं गौतमबुद्ध नगर की जेवर विधानसभा सीट की यहां एक प्रत्याशी देवीराम प्रजापति गधे पर बैठकर नामांकन भरने आए थे। उनके साथ उनके समर्थक भी थे। हालांकि देवीराम के नामांकन पर्चे में गलती पाए जाने के कारण उनका नामांकन रद्द कर दिया गया।

नोएडा विधानसभा सीट से नामांकन करने वाले एक प्रत्याशी ने अपने शपथ पत्र में कुछ ऐसा लिख दिया है कि चुनाव आयोग उनसे बेहद नाराज है और अब उनके खिलाफ केस करने की सोच रहा है। इससे पहले उनके नामांकन को आयोग ने खारिज कर दिया है। बता दें कि नोएडा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विनोद पवार ने अपना पर्चा दाखिल किया है जिसमें अपने प्रस्तावकों के तौर पर उन्होंने शहीद भगत सिंह, महात्मा गांधी जैसी हस्तियों का नाम लिखा है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 11 फरवरी को होना है जिसके लिए 24 जनवरी तक नामांकन होना था। नोएडा सीट के लिए कुल 31 लोगों ने नामांकन किया जिसमें विनोद पवार का नाम भी शामिल था।
 विनोद पवार पिछले 15 सालों से नोएडा में बच्चों को केमिस्ट्री की कोचिंग दे रहे हैं और सुबह के समय नोएडा स्टेडियम में बच्चों को फुटबाल भी सिखाते हैं। इसी स्टेडियम में नौ महीने पहले कुछ लोगों ने विनोद पर हमला कर दिया था जिसकी शिकायत करने पर पुलिस ने आरोपियों सहित उन्हें भी कई घंटों तक हिरासत में रखा था। इसके बाद ही विनोद ने तय किया था कि व्यवस्‍था बदलने के लिए वो चुनाव लड़ेंगे। चूंकि इस लड़ाई में कोई भी उनका साथ देने के लिए तैयार नहीं था इसलिए उन्होंने महात्मा गांधी और भगत सिंह से प्रेरणा लेते हुए अकेले ही संघर्ष करने का फैसला किया। यही कारण है कि उन्होंने प्रस्तावक के तौर भी इन्हीं महापुरुषों के नाम का उल्लेख अपने शपथ पत्र में किया। चुनाव आयोग द्वारा उनके नामांकन रद्द करने और उनके खिलाफ कार्यवाही करने के बारे में उनका कहना है कि वो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और अपने नामांकन के खारिज किए जाने को चुनौती देंगे।

 
 
 

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