रामराज्य : आशुतोष राणा की कलम से..{.भाग_४}

स्तम्भ: अयोध्या पीछे छूट चुकी थी, जनशून्य क्षेत्र आरम्भ हो चुका था। कैकेयी इस सत्य को जानती थीं कि जब कोई राज्य, राजा विहीन होता है तो असामाजिक तत्वों और अराजकता में वृद्धि होती है। इसलिए सतर्कता के साथ किंतु निर्भीकतापूर्वक कैकेयी आगे बढ़ रही थीं।  अयोध्या से नंदीग्राम की ओर जाने वाला यह मार्ग … Continue reading रामराज्य : आशुतोष राणा की कलम से..{.भाग_४}