रामराज्य : रामकथा आशुतोष राणा की कलम से…( भाग-2)

 स्तम्भ: कैकेयी ने आश्चर्य से सुमित्रा को अपने कंठ से अलग करते हुए कहा- शत्रुघन का कहीं पता नहीं है ? ये क्या कह रही हो तुम ? वो लौटने के बाद मेरे पास नहीं आया तो मुझे लगा की वह भरत के जैसे ही मुझसे नाराज़ है। लेकिन मैं ये ना जानती थी की … Continue reading रामराज्य : रामकथा आशुतोष राणा की कलम से…( भाग-2)