राष्ट्रीय अस्मिता का सामूहिक सत्य है ‘भारत बोध’

बोध आसान नहीं। शोध आसान है। शोध के लिए प्रमाण, अनुमान, पूर्ववर्ती विद्वानों द्वारा सिद्ध कथन और प्रयोग पर्याप्त हैं। बोध के लिए अनुभूति चाहिए। प्रत्यक्ष रूप प्रमाण हैं। लेकिन रूप अनुभूति की अन्र्तयात्रा असीम है। यह अरूप तक ले जाती है। अनुभूति विरल सौभाग्य हैं। प्रयोग प्रमाण सरल हैं। राष्ट्रभक्ति बोध से पैदा होती … Continue reading राष्ट्रीय अस्मिता का सामूहिक सत्य है ‘भारत बोध’