वायु प्राण है, प्राण नहीं तो जीवन नहीं

जीवन को भरपूर देखते हुए वायु को भी देखा जा सकता है। हम आधुनिक लोगों ने वायु को दूषित किया है। वायु की काया चोटहिल है। भारत की राष्ट्रीय राजधानी में नाक के ऊपर छिद्रयुक्त पट्टी बांधे हुए अनेक लोग दिखाई पड़ते हैं। हृदयनारायण दीक्षित : वायु दिखाई नहीं पड़ते। ऋग्वेद के ऋषि को उनका … Continue reading वायु प्राण है, प्राण नहीं तो जीवन नहीं