स्वस्थ, मस्त जीवन मधुअभिलाषा है, रोगरहित दीर्घ जीवन के अभिलाषी थे हमारे पूर्वज

हृदयनारायण दीक्षित : कालद्रव्य बदल गया है। समय भी प्रदूषण का शिकार है। दिक् भी स्वस्थ नहीं। मन और आत्म द्रव्य भी विष तनाव में हैं। स्वस्थ, मस्त जीवन मधुअभिलाषा है। रोगरहित दीर्घ जीवन के अभिलाषी थे हमारे पूर्वज प्रत्येक मनुष्य की जिजीवीषा है कि स्वस्थ रहें, खूब जिएं। सुखी रहें लेकिन रोग बढ़े हैं। … Continue reading स्वस्थ, मस्त जीवन मधुअभिलाषा है, रोगरहित दीर्घ जीवन के अभिलाषी थे हमारे पूर्वज