वो कर्मयोगी निष्ठा प्रतीक, कर्तव्य की राहों पर निर्भीक।अमर अजर अविनाशी है, वह धड़कन हिन्दुस्तानी है। जग में जब गूंजा हाहाकार, प्रचंड प्रलय लाया विकार।कोरोना से रक्षा हेतु, ...
Read more
Comments Off on कोरोना वारियर्स
कविता
कहाँ कहाँ खोजूँ मैं उसकोकिसके दरवाज़े पर जाऊँजो मेरे चावल खा जाएऐसा मित्र कहाँ से लाऊँ। जीवन की इस कठिन डगर मेंदोस्त हज़ारों मिल जाते हैंजो मतलब पूरा ...
Read more
Comments Off on कविता 2020 : जो मेरे चावल खा जाए, ऐसा मित्र कहाँ से लाऊँ
सूर्य कांत शर्मा काश कि अब दो जीवन होते एक का ताना-बाना बुनते मन में पैठी तरुणाई से।एक का ताना-बाना बुनते मस्तिष्क में बैठी गहराई से।अब भी देखते ...
Read more
Comments Off on ताना-बाना बुनते मन में पैठी तरुणाई