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चंडीगढ़ छेड़छाड़ केस को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, वापिस ली गई याचिका

हाई प्रोफाइल चंडीगढ़ छेड़छाड़ केस को लेकर हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बेहद अहम फैसला सुनाया, जिसके बाद याचिका वापिस भी ले ली गई। मंगलवार को चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी। उसके बाद याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि लंबित आपराधिक मामले में हाईकोर्ट दखल नहीं देगा। इस मामले में जनहित याचिका के माध्यम से पुलिस पर राजनीतिक दबाव होने की बात कहते हुए इसकी जांच सीबीआई से करवाने की अपील की गई थी। हाईकोर्ट द्वारा दखल देने से इंकार करने के बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली। हाईकोर्ट ने कहा कि जब प्रभावित लड़की पुलिस की करवाई से संतुष्ट है तो थर्ड पार्टी का इसमे क्या रोल। 

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चंडीगढ़ छेड़छाड़ केस को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, वापिस ली गई याचिकायाचिका में ये सब दलीलें दी गईं

बता दें कि मामले में चंडीगढ़ पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच कराए जाने की मांग को लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ता वकील रंजन लखनपाल ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि घटना वाली रात को पुलिस ने विकास बराला और आशीष को थाने में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया था, उससे यह साफ है कि चंडीगढ़ पुलिस इस मामले में दबाव में काम कर रही है।

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इस मामले में राजनीतिक दखल के चलते चंडीगढ़ पुलिस से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसलिए मामले की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी या सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए। दूसरी ओर मामले में आरोपियों के हाईप्रोफाइल होने और उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट की दलील को खारिज करते हुए चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया कि बिना किसी दबाव के जांच हो रही है। 

 

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