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‘पापा, अब नहीं लौट पाऊंगी’…और बाप की आंखों के सामने ही दम तोड़ गई बेटी

अस्पताल लेकर जा रहे थे, रास्ते में पापा का हाथ पकड़कर बोली- अब लौट नहीं पाऊंगी और बाप की आंखों के सामने ही बेटी ने दम तोड़ दिया। पढ़ें दर्दनाक कहानी… 

घटना हरियाणा के पंचकूला की है। बेटी को बुखार हुआ, पिता हॉस्पिटल ले गए। वहां से उसे जीएमसीएच रेफर किया गया तो एंबुलेंस में जाते समय बेटी ने कहा कि अब दोबारा लौट नहीं पाऊंगी। बेटी की बात सुनकर पिता की आंखें भर आईं। महिपाल ने बेटी से कहा ऐसा नहीं कहते। इतने में उसके हाथ पाव ठंडे पड़ने लगे और उसने बोलना बंद कर दिया। इसके बाद जैसे ही वह लोग जीएमसीएच पहुंचे इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत बता दिया।

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'पापा, अब नहीं लौट पाऊंगी'...और बाप की आंखों के सामने ही दम तोड़ गई बेटीपिता महिपाल का कहना है कि बेटी की मौत मलेरिया की वजह से हुई है। वहीं मामले में  सेक्टर-6 के जनरल अस्पताल के मेडिकल वार्ड में तैनात स्टाफ की घोर लापरवाही सामने आई है। पिछले पांच दिन से 17 वर्षिय निशा बुखार और प्लेटलेट्स की शिकायत पर अस्पताल में दाखिल थी। शनिवार रात दस बजे के बाद बच्ची को सांस लेने में परेशानी होने लगी। इसकी सूचना बच्ची के भाई सोनू ने स्टाफ नर्स को दी और तुरंत डॉक्टर को बुलाने को कहा।

परिजनों का आरोप है कि न तो मेडिकल वार्ड में तैनात नर्स जांच के लिए और न ही डॉक्टर को बुलाया। नतीजतन पूरी रात निशा मेडिकल वार्ड में ही तड़पती रही। रविवार को सुबह अचानक उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। सुबह राउंड पर पहुंचे डॉक्टर ने जांच के बाद उसे चंडीगढ़ के सेक्टर-32 के जीएमसीएच रेफर कर दिया। वहां पहुंचते ही इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने बच्ची को मृत बता दिया। बच्ची के परिजनों ने मेडिकल वार्ड में तैनात स्वास्थ्य कर्मी के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाया है।

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आरोप है कि समय रहते स्टाफ ने इमरजेंसी कॉल पर डॉक्टर को बुलाया होता तो बच्ची की जान बच जाती। इसकी शिकायत परिजनों ने पंचकूला के सेक्टर छह के पुलिस चौकी में दी है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। जीएमसीएच के डॉक्टरों द्वारा निशा को मृत घोषित करने के बाद जब उसके परिजन घर लेकर लौटे तो एक प्राइवेट डॉक्टर ने जांच के बाद कहा कि बच्ची अभी जिंदा है, यह सुनकर परिजन उसे फिर पंचकूला हॉस्पिटल लेकर पहुंचे।

महिपाल ने बताया कि वहां हम टूट गए, जब इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने बच्ची को मृत बताया। निशा की मां सुलोचना को भी बुखार था। बेटी के ठीक सामने वाले बेड पर सुलोचना का भी उपचार चल रहा था। बेटी की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो मां घबरा गई। जब रेफर किया गया तो बेटी के साथ मां भी जीएमसीएच गई। बेटी के फिक्र में मां अपना इलाज तक भूल गई। बेटी के निधन के बाद वह रामगढ़ के पास पंजाबी कालोनी स्थित अपने घर पर बेसुध पड़ी है।

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