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मकर संक्रांति- वैज्ञानिक व अध्‍या‍त्मिक पहलू

प्रो0 भरत राज सिंह
महानिदेशक, स्कूल आफ मैनेजमेन्ट साइंसेस
व अध्यक्ष, वैदिक विज्ञान केन्द्र, लखनऊ

भारत वर्ष में हर त्योहार का अपना एक सांस्कृतिक या सामाजिक महत्व है, साथ ही इन त्योहारों में खाए जाने वाले व्यंजनों का भी वैज्ञानिक महत्व होता है तथा स्वादिष्ट व्यंजनों के बिना त्योहारों का मजा अधूरा रहता है । मकर संक्रांति- हिंदु धर्म के बड़े पर्व में से एक है। भारतीय परंपरा के अनुसार के इस दिन स्‍नान और दान करते है। पूरे देश भर में गंगा और अन्‍य नदियों में लोग स्‍नान करते हैं और तिल का दान करते हैं। मकर संक्रांति के दिन तिल-गुड़ खाया जाता है; खास तौर से तिल-गुड़ के पकवान बनाने, खाने और दान की प्रथा पौराणिक काल से चली आ रही है, क्‍योंकि इस दिन से सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति के दिन कहीं तिल-गुड़ के स्वादिष्ट लड्डू बनाए जाते हैं तो कहीं तिल-गुड़ की गजक भी लोगों को खूब भाती है| तिल-गुड़ खाने के फायदे के बारे में जानकारी हासिल करे-

अ).तिल खाने के फायदे

i). वैज्ञानिक आधार: मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ का सेवन करने के पीछे एक वैज्ञानिक आधार है। जब सर्दी के मौसम में शरीर को गर्मी की आवश्यकता होती है, तब तिल-गुड़ के व्यंजन गर्मी पैदा करने का काम बखूबी करते हैं। तिल में तेल की प्रचुरता रहती है और इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्‍प्‍लेक्‍स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्‍व पाये जाते हैं। तिल में सेसमीन एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कई बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं। इसे जब गुड़ में मिलाकर खाते हैं तो इसके हेल्थ बेनिफिट्स और बढ़ जाते हैं। गुड़ की तासीर भी गर्म होती है। तिल व गुड़ को मिलाकर जो व्यंजन बनाए जाते हैं, वह सर्दी के मौसम में हमारे शरीर में आवश्यक गर्मी पहुंचाते हैं। यही कारण है कि मकर संक्रांति के अवसर पर तिल व गुड़ के व्यंजन प्रमुखता से खाए जाते हैं।

ii). अध्‍या‍त्मिक आधार: धार्म‍िक अनुष्‍ठानों में तिल का प्रयोग किया जाता है क्‍योंकि यह शनि का द्रव्य है। मकर संक्रांति पर सूर्य एक माह शनि की राशि मकर में रहते हैं। शनि न्याय और पूर्व जन्म के पापों का प्रायश्चित करवाते हैं। तिल के दान का यही महत्व है कि पूर्व जन्म के पापों और ऋण का तिल दान शमन करता है। गरीबों में तिल के लड्डू बांटने से व्याधियो का नाश होता है और मुकदमे आदि झगडो में विजय मिलती है। राहु और केतु भी शनि के शिष्य हैं। अतः राहू और केतु की पीड़ा भी तिल के दान से समाप्त होती है।

iii). कब्‍जनाशक और ब्‍लड प्रेशर नियंत्रण : इस मौसम में ठंड पड़ने के कारण तमाम प्रकार के पेट के रोग और एसिडिटी की समस्या होती है। तिल एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है और गुड़ गैस के लिए बहुत लाभकारी चीज है। तिल का लड्डू उदर विकार के साथ-साथ रक्त की भी सफाई करता है और ब्लड-प्रेशर को नियंत्रित करता है। तिल का सेवन प्रत्येक सुबह करना चाहिए और रात में भोजन के पश्चात तिल के 2-लड्डू और गुनगुना पानी ग्रहण करके सोना चाहिए।

ब). व्यंजनों का वैज्ञानिक पहलू

मकर संक्रांति के दिन तिल से बने फूड्स और खिचड़ी खाने का विशेष महत्व है। इस मौसम में इसे खाने के ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ भी हैं। तिल और गुड़ दोनों की तासीर गर्म होती है और इसमें ढेर सारे पौष्टिक तत्व होते हैं। इसलिए सर्दियों में इसे खाने से शरीर को गर्मी मिलती है और शरीर स्वस्थ रहता है। कुछ लोगों के त्योहार इस वजह से फीके रह जाते हैं कि वे फिटनेस खराब होने के डर से हाई कैलोरी फूड्स नहीं खा सकते हैं। इसलिए हम आपको बता रहे हैं मकर संक्रांति के दौरान बनाए जा सकने वाले लो कैलोरी फूड्स जो खाने में टेस्टी और हेल्दी हैं।

i).तिल-गुड़ बर्फी

सामग्री : दो कप सफेद तिल, एक कप गुड़, एक कप मावा (दूध का खोया), एक कप इलायची पाउडर और थोड़े से ड्राई फ्रूट्स के टुकड़े
बनाने का तरीका : सबसे पहले तिल को कड़ाही में हल्का सुनहरा होने तक भून लें। इसके बाद खोये को भी हल्का लाल होने तक भून लें। अब तिल को बारीक पीस लें और गुड़ को गर्म करके इसकी चाशनी बना लें। अब गुड़ की चाशनी में पिसा हुआ तिल, खोया और इलायची पाउडर डालकर मिला लें। अब इस गुंथे हुए तिल को देसी घी लगी हुई थाली में फैला दे और चौकोर आकार में काट लें। 5 मिनट बाद तिल के इनके ऊपर ड्राई फ्रूट्स फैलाकर सूखने दें। तिल-गुड़ से बना ये बर्फी में जहा ढेर सारे पौष्टिक तत्व होते हैं, वही यह बेहद स्वादिष्ट होता है ।

ii).तिल-खजूर ब्रेडरोल

सामग्री : आधा कप भुने हुए तिल, दो कप ताजे खजूर बारीक कटे हुए, 5-6 ब्राउन ब्रेड के स्लाइस, आधा कप से ज्यादा दूध, दो चम्मच ब्राउन शुगर, थोड़ा सा कटा हुआ मेवा और तलने के लिए लो कैलोरी ऑयल
बनाने का तरीका : सबसे पहले एक कप पानी में खजूर और चीनी डालकर उबाल लें और चलाते रहें। जब चीनी पूरी तरह खजूर में घुल जाए और पानी सूख जाए तो इसे निकालकर एक कड़ाही में देसी घी डालकर भून लें। अब इसमें कटे हुए मेवों को मिला लें। आप चाहें तो इसमें भूनते समय थोड़ी इलायची डाल दें इससे खुशबू अच्छी आएगी। इस तैयार भरावन को रख दें और इसका तापमान थोड़ा कम होने दें। अब ब्रेड के किनारों को काटकर इसके मुलायम हिस्से को अलग कर लें। ब्रेड की इस स्लाइस को दूध में भिगाकर दोनों हथेलियों के बीच दबाकर निचोड़ लें। इसमें खजूर से तैयार सामग्री को भरकर रोल बना लें। इस रोल को तिल में चलाकर इसपर तिल चिपका लें और तेल में हल्का सुनहरा होने तक तल लें। अब आपका स्वादिष्ट और पौष्टिक तिल खजूर रोल तैयार है।

iii).तिल-चॉकलेट लड्डू

सामग्री : दो कप भुने हुए तिल, दो कप मावा (दूध का खोया), आधा कप चॉकलेट चिप्स और डेढ़ कप ब्राउन शुगर
बनाने का तरीका-: सबसे पहले तिल को दरदरा पीस लें। अब चीनी में थोड़ा पानी मिलाकर इसकी चाशनी बना लें। अब खोये में तिल मिलाकर इसे चाशनी के साथ मिला लें। इसे हल्का ठंडा होने दें और फिर इसका लड्डू बना लें। अब इन लड्डुओं पर चॉकलेट चिप्स चिपका लें और स्वादिष्ट लड्डू तैयार हैं।

iv). तिल-मूंगफली की चटनी

सामग्री : आधा कप भुना हुआ तिल, एक मुट्ठी मूंगफली के भुने हुए दाने, लहसुन की दो-तीन कलियां, एक हरी मिर्च, छोटा टुकड़ा अदरक, चुटकी भर हींग और नमक स्वाद अनुसार।
बनाने का तरीका : सबसे पहले भुनी हुई मूंगफली के छिलके निकाल लें। फिर लहसुन का छिलका उतारकर मिर्च और लहसुन को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब नमक के अलावा सभी सामग्रियों को आधा ग्लास पानी के साथ मिक्सर में डालकर अच्छे से पीस लें। अब इसमें स्वाद अनुसार नमक मिला लें और चाहे्ं तो लाल मिर्च मिला लें। बस, तिल की स्वादिष्ट चटनी तैयार है।

स). स्नान व दान का महत्व

सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। यह हिंदुओं का बड़ा पर्व माना जाता है। इस दिन स्‍नान और दान करने की परंपरा है। पूरे देश भर में गंगा और अन्‍य नदियों में लोग स्‍नान करते हैं और तिल का दान करते हैं। आज हम आपको इस पर्व से जुड़ी कुछ बातें बता रहे हैं जो आपको आध्‍य‍ात्मिक और स्‍वास्‍थ्‍य के नजरिए से लाभ पहुंचाएंगी।

i). नदी में स्नान : मकर संक्रांति के दिन सुबह सुबह पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। पवित्र नदी में स्नान न कर पाएं तो घर में तिल के जल से स्नान कर सकते हैं।

ii). आराध्य देव की प्रार्थना : स्नान करने के बाद आराध्य देव की प्रार्थना करनी चाहिए। सुबह-सुबह धूप लेने से शरीर में उर्जा का संचार होगा।
iii). तिल के लड्डू : मकर संक्राति के दिन स्नान के बाद दान का बहुत महत्व है, इसलिए स्नान के बाद तिल दान करना चाहिए। साथ ही तिल के लड्डू और खिचड़ी का सेवन करना चाहिए। इसके कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ हैं।

iv). खिचड़ी का दान : अध्‍यात्मिक तौर पर देखा जाए तो इस दिन गर्म कपड़े, चावल, दूध दही और खिचड़ी का दान करना चाहिए। यह शुभ माना गया है।
v). भोजन में तिल का उपयोग : इस त्योहार पर घर में तिल्ली और गुड़ के लड्डू बनाए जाने की परंपरा है। इसलिए इस दिन भोजन में भी तिल शामिल करने चाहिए। तिल के लड्डू का सेवन आप कई दिनों तक कर सकते हैं। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्‍प्‍लेक्‍स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्‍व पाये जाते हैं।

 

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