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मलबा गिरने लगा और पूरी बस दब गई, नर्सिंग स्टूडेंट ने कुछ ऐसे सुनाई कहानी

  • मंडी.एनएच-154पर मंडी के कोटरोपी में शनिवार-रविवार रात 12:30 बजे पहाड़ी खिसकी और दो बसें, दर्जनभर छोटी गाड़ियां दब गईं। 10-12 मकान दबे हैं। बचाव कार्यों के बाद 48 शव निकाले गए। यह भूस्खलन से अब तक का सबसे बड़ा हादसा है। अभी और लोगों के दबे होने की आशंका है। बचाव दस्तों ने कहा, ये आंकड़ा 60 पार कर सकता है।पढ़िए हादसे की पूरी कहानी बचाई गई नर्सिंग स्टूडेंट अनीता की जुबानी… 
    मलबा गिरने लगा और पूरी बस दब गई, नर्सिंग स्टूडेंट ने कुछ ऐसे सुनाई कहानीमैं अपनी सहेलियों स्वचित्रा, मंजू और ब्यूटी शर्मा के साथ बस में जोगिंद्रनगर जा रही थी। रवा नाले के पास कुछ गाड़ियां रुकी थीं। एक और बस भी थी। उसमें ज्यादा सवारियां थीं। हमारी बस में हम चार सहेलियों के अलावा 6-7 लोग थे। कुछ बाहर भी उतरे। ड्राइवर-कंडक्टर भी। हमने भी बाहर आकर वहां रुकने का कारण पूछा तो कंडक्टर ने कहा कि पहाड़ी खिसकने की सूचना है, इसलिए हमें वापस जाना होगा। फिर हम लोग वापस बस में बैठ गए। तभी भारी आवाज के साथ मलबा गिरने लगा और ड्राइवर-कंडक्टर भागो-भागो चिल्लाते हुए पीछे की ओर दौड़े। हम बस से उतर पाते, तब तक मलबे ने पूरी बस को चपेट में ले लिया। मैं क्योंकि आगे थी, इसलिए किसी तरह बाहर निकल पाई, लेकिन सहेलियां फंसी रह गईं। हम दो घंटे तक चिल्लाते रहे। हमारे आसपास से भी लोगों के चीखने की आवाजें रही थीं। वे दूसरी गाड़ियों के लोग थे। ढाई बजे के आसपास कुछ स्थानीय लोगों ने मुझे बाहर खींचा। उसके बाद मेरी सहेलियों को। एक भी गाड़ी नजर नहीं आई। सारी दबी हुई थीं। मैंने भी उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन, अब लग रहा है जैसे नया जन्म मिला है।’
     
     
     

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