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लालू की रैली ने बीजेपी में मचाई उथल-पुथल, 48 नहीं अब तो सिर्फ 17 से ही छूट रहे पसीने…

बिहार में लालू प्रसाद यादव का बिगुल बज गया है। कल होने वाली पटना में उनकी रैली में 17 दलों के नेता शामिल होंगे। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी पुखता तरीके से दी है।लालू की रैली ने बीजेपी में मचाई उथल-पुथल, 48 नहीं अब तो सिर्फ 17 से ही छूट रहे पसीने…

जो प्रमुख बड़े नेता जा रहे हैं उनमें शरद यादव, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, और गुलाम नबी आजाद शामिल हैं। 17 दलों के नेताओं के जमावड़े से भाजपा हिल गई है। एक दिन पहले ही पीएम मोदी ने बिहार में बाढ़ के निरीक्षण के बहाने यात्रा की है। भाजपा इस महागठबंधन को लेकर सवाल भी खड़ा कर रही है, लेकिन सच तो ये है कि सत्ता हड़पने के लिए भाजपा ने 48 दलों से गठबंधन कर केंद्र में सरकार बना ली थी।

Big News: कुछ ही देर में शुरु होने वाली है भाजपा भगाओ रैली!

सच्चाई ये है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी को जो बहुमत की सरकार मिली है, उसके लिए भाजपा को 44 पार्टियों से गठबंधन करना पड़ा है। हालांकि यह सच्चाई है, लेकिन यह खबर कभी लिखी नहीं गई। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा गठबंधन है। इसमें कई छोटी-बड़ी पार्टियां शामिल 

नीची दी गई लिस्ट में आप देख सकते हैं कि किस पार्टी के साथ किस राज्य में मिलकर भाजपा ने लोकसभा 2014 का चुनाव लड़ा है। साथ ही यह भी देख सकते हैं कि किस पार्टी की कितनी सीटें आई हैं। हालांकि यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने बेकार बताया है। उन्होंने इसे भ्रष्टाचारियों का गठबंधन करार दिया है।

भारतीय जानता पार्टी को यदि लोसभा चुनाव में सबसे अधिक सीटें वर्ष 2014 के चुनाव में मिली हैं, तो यह अब तक का देश का सबसे बड़ा गठबंधन भी था। भाजपा ने लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए कमोबेश देश की सभी छोटी पार्टियों से गठबंधन कर लिया था। इसका असर हुआ का भाजपा को हर सीट पर हजारों वोट अन्य पार्टियों से मिल गए। यूपी में अपना दल से गठबंधन का भी उसे अधिक फायदा  हुआ।

भाजपा ने लोकसभा चुनाव के पहले किन-किन पार्टियों से गठबंधन किया और उनकी कितनी सीटें आई थीं इसे नीचे के चार्ट से देख सकते हैं। साथ ही नीचे के लिंक पर क्लिक कर भारत सरकार की वेबसाइट पर जाकर उसकी पुष्टि भी कर सकते हैं।

किसी तरह की आशंका के लिए लिंक पर क्लिक करिए।कई राज्यों में जिन पार्टियों के साथ भाजपा ने गठबंधन किया वहां पर भाजपा को फायदा हुआ, लेकिन गठबंधन करनेवाली दूसरी पार्टी की सीटें नहीं आईं। वोट जरूर भाजपा को ट्रांस्फर हो गया।

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