लालू के साथ तेजस्वी की गिरफ्तारी हुई तो तेजप्रताप को मिल सकती है CM की कुर्सी
‘लैंड फॉर रेलवे होटल’ स्कैम में अगर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू यादव के साथ उनके बेटे तेजस्वी यादव की गिरफ्तारी होती है, तो बिहार की नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम के पोस्ट का क्या होगा? ये सवाल सबके मन में है.
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दरअसल इसकी आशंका लैंड फॉर होटल केस में सीबीआई की ओर से फाइल की गई एफआईआर में लालू और तेजस्वी का नाम होने से बनी है कि दोनों नेताओं की गिरफ्तारी हो सकती है.
राजद सुप्रीमो से जुड़े सूत्रों के मुताबिक लालू ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्लान बी तैयार कर लिया है. इस प्लान के तहत अगर सीबीआई तेजस्वी यादव को गिरफ्तार करती है, तो लालू अपने बड़े बेटे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव को तेजस्वी की जगह डिप्टी सीएम की पोस्ट पर बिठा सकते हैं.
लालू ने बनाया प्लान-बी
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राजद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर पदक्रम देखा जाए तो स्वास्थ्य मंत्री होने के चलते तेजप्रताप यादव इस समय तीसरे नंबर पर हैं. किसी भी आपात स्थिति में उन्हें नंबर दो पर प्रमोट किया जा सकता है. नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि तेज प्रताप यादव ‘लैंड फॉर होटल’ स्कैम में आरोपी नहीं हैं.
उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि लालू परिवार के अलावा नीतीश सरकार में कोई और उपमुख्यमंत्री नहीं हो सकता. कैबिनेट मंत्री के बराबर की इस पोस्ट को नवंबर 2015 में बिहार में महागठबंधन की सरकार आने के बाद बनाया गया था. महागठबंधन में कांग्रेस, लालू और जदयू सहभागी हैं.
इस्तीफा नहीं देंगे तेजस्वी यादव
होटल्स फॉर लीज स्कैम में सीबीआई की ओर से रजिस्टर एफआईआर में तेजस्वी का नाम आने के बाद राजद ने सर्वसम्मति से यह फैसला कर लिया था कि तेजस्वी यादव अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. हालांकि बीजेपी लगातार नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को हटाने के लिए जोर डाल रही है.
शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद तेजस्वी यादव ने इस बात की ओर इशारा किया. दूसरी ओर शनिवार को राजद नेताओं ने इसकी पुष्टि कर दी.
राजद सूत्रों ने कहा कि पार्टी की रणनीति वेट एंड वॉच की है. पार्टी देखना चाहती है कि लालू के दोनों बेटों को मंत्री परिषद से हटाने की बीजेपी की मांग पर नीतीश कुमार क्या फैसला लेते हैं.
राजद नेता ने दिया उमा भारती का उदाहरण
एक राजद नेता ने कहा, ‘हमें नहीं मालूम कि मुख्यमंत्री सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर तेजस्वी का इस्तीफा मांगते हैं कि नहीं. लेकिन हमारा स्टैंड क्लियर है. तेजस्वी यादव खुद से इस्तीफा नहीं देंगे.’ राजद नेता ने उमा भारती की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपराधिक केस में चार्जशीट होने के बावजूद केंद्रीय मंत्री पद पर बनी हुई हैं.
लालू के बेटों को लेकर राजद के स्पष्ट रवैये के बाद आने वाले दिनों में नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. यही कारण है कि जदयू नेता शुक्रवार को सीबीआई की छापेमारी के बारे में कुछ बोल नहीं रहे हैं.
कांग्रेस ने किया लालू का समर्थन
दिलचस्प ये है कि महागठबंधन की तीसरी पार्टी कांग्रेस लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खुले समर्थन में है. बिहार कांग्रेस प्रेसिडेंट और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने शनिवार को कहा कि जब डील हुई तो तेजस्वी यादव नाबालिग थे, फिर उनका नाम एफआईआर में क्यों शामिल किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों को देखते हुए राजद के विधायकों और सांसदों की जरूरत कांग्रेस को है. इसलिए कांग्रेस खुलकर राजद का समर्थन कर रही है. एक जदयू नेता ने रहा कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही पता चलेगा कि लालू और कांग्रेस और कितना करीब आते हैं.