उत्तराखंडराज्य

उत्तराखंड में बार‌िश के कहर जारी, भूस्खलन से 337 सड़कें हुई बंद, बदरी-केदार यात्रा रुकी

प्रदेश में मानसूनी बारिश बुधवार को भी जनजीवन पर भारी पड़ी है। मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से 337 सड़कें बंद हो गई। दर्जनों मकान धराशायी हो गए।
देहरादून जिले के विकासनगर में एक वन गुर्जर की नदी में बहने से मौत हो गई। बदरी-केदार यात्रा में मौसम बाधा बना है। चमोली जिले में लामबगड़ में बदरीनाथ हाईवे का 20 मीटर हिस्सा बह जाने से करीब साढ़े पांच सौ तीर्थयात्री बीच में फंस गए हैं।

इनमें 200 तीर्थ यात्रियों को पांडुकेश्वर, 150 को बदरीनाथ, 100 को लामबगड़ और 100 श्रद्धालुओं को गोविंदघाट में ठहराया गया है। हाईवे के बृहस्पतिवार तक खुलने की उम्मीद है।केदारनाथ यात्रा भी मात्र एक घंटे ही चल पाई। प्रात: सात बजे बारिश थमने पर प्रशासन की ओर से सोनप्रयाग से 640 श्रद्धालुओं को पैदल मार्ग से धाम के लिए छोड़ दिया गया, लेकिन कुछ देर में बारिश तेज होने से सभी लोगों को गौरीकुंड में रोक दिया गया।

राजधानी देहरादून में बुधवार को महज तीन घंटे में रिकॉर्ड 105.4 मिमी बारिश हुई जबकि दिन में नौ घंटे में कुल 112.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई। इतनी बारिश से देहरादून से मसूरी का संपर्क कट गया। 

स्कूलों में बच्चे फंस गए

देहरादून से सहारनपुर और दिल्ली जाने वाला हाईवे भी मलबा आने की वजह से बंद रहा। जगह-जगह लंबा जाम लग गया। कई सड़कों के जलमग्न होने से पुलिस प्रशासन ने आवाजाही करीब तीन घंटे तक बंद रखी। दौड़वाला, सहस्त्रधारा रोड, रायपुर के कई क्षेत्रों में नदी के बहाव की चपेट में आने से मकान क्षतिग्रस्त हो गए।

बारिश के बीच बच्चे स्कूल तो पहुंच गए लेकिन पानी भरने की वजह से कई स्कूलों में बच्चे फंस गए। आपदा प्रबंधन की टीम ने बमुश्किल बच्चों को सुरक्षित निकाला।

टिहरी जिले में ऋषिकेश-चंबा-धरासू हाईवे देर रात बेमुंडा में गदेरे का पानी उफान पर आने से नौ घंटे बंद रहा। एनएच पर फंसे बीआरओ के अधिकारियों और दर्जनों यात्रियों को अपने वाहनों में ही रात गुजारनी पड़ी। बुधवार सुबह पानी का बहाव कम हो जाने पर बमुश्किल आवाजाही सुचारू हुई।

ढिक्यारा गाड़ में चट्टान से सड़क पर पत्थरों की बौछार होने से लगभग दो घंटे वाहनों का आवागमन बंद रहा। कैंपटी फॉल झरने का जलस्तर बढ़ने से वहां दुकानों को बंद कर दिया गया है। पर्यटकों के झील के आस-पास जाने पर रोक लगा दी गई है।

पौड़ी जिले में लगातार हो रही बारिश से 26 मोटर मार्ग दूसरे दिन भी बंद रहे। देहलचौरी मार्ग पर बैंज्वाड़ी के पास पुल का पुस्ता पानी के तेेज बहाव के कारण धंस गया।

चार जिलों में आज बंद रहेंगे स्कूल

इससे करीब पांच घंटे तक 15 से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया। काशीपुर-बुआखाल हाईवे पर भी धनगढ़ी में नदी के तेज बहाव के कारण यातायात ठप रहा।
भारी बारिश के मद्देनजर डीएम सुशील कुमार ने जिला, तहसील और ब्लाक स्तरीय अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है।
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे सहित एक दर्जन से अधिक लिंक मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। यमुनोत्री हाईवे छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है, लेकिन भारी वाहनों के लिए मार्ग अभी भी बाधित हैं।

उधर, गंगोरी डोडीताल मोटर मार्ग पर कोहरी गाड़ में आए उफान से वाहनों की आवाजाही बंद होने से असी गंगा घाटी के सात गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। चमोली जिले की मंडल घाटी में अमृत गंगा पेयजल योजना का मुख्य स्रोत नदी में समा गया और निर्माणाधीन पगना-ईराणी सड़क का मलबा भनाली गांव में कई मकानों में घुस गया। रुद्रप्रयाग जिले में ऊखीमठ में समसारी गांव के नीचे भारी भूस्खलन होने से कई आवासीय मकान व गोशालाएं खतरे की जद में आ गई हैं। ऊखीमठ-रांसी मार्ग पर कई जगहों पर पुस्तों के ध्वस्त होने से मद्महेश्वर घाटी के गांवों का तहसील व जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।

आज होगी हल्की से मध्यम बारिश
मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अभी प्रदेश में कहीं भारी बारिश की चेतावनी तो नहीं है लेकिन बृहस्पतिवार को भी प्रदेशभर में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी।

चार जिलों में आज बंद रहेंगे स्कूल
मौसम के बिगड़े मिजाज को देखते हुए देहरादून, पौड़ी, टिहरी और उत्तरकाशी जिले में बृहस्पतिवार (आज) को कक्षा एक से कक्षा 12 तक के सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय, सहायता प्राप्त और निजी विद्यालय बंद रहेंगे। संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।

कुमाऊं में 52 सड़के बंद, घरों में मलबा घुसा

कुमाऊं में मंगलवार देर रात से बुधवार सुबह तक हुई भारी बारिश ने लोगों को आफत में डाल दिया। काठगोदाम, नैनीताल, पिथौरागढ़-चंपावत के तमाम हिस्सों में भूस्खलन से कई घरों में मलबा घुस गया। नदियां-नाले उफान पर आने से तराई-भाबर में कई बस्तियां जलमग्न हो गईं। कुमाऊं में 52 सड़कों पर यातायात बंद है। इस कारण ग्रामीण इलाकों में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। बागेश्वर के ओखलीसिरौद में खतरे में घिरे आठ परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है। मुनस्यारी के कोट्यूड़ा गांव में जमीन दरकने से 21 मकानों को खतरा हो गया है।

टनकपुर में सिद्धमोड़ और ध्रुवगिरि मोड़ पर पहाड़ी दरकने से दो दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। बाजपुर में गडरी के उफान और कालाढूंगी में निहाल नदी के उफान से बस्तियां जलमग्न हो गईं।पिथौरागढ़ जिले में अगले 24 घंटे में कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश, वज्रपात, भूस्खलन जैसी घटनाओं के पूर्वानुमान को देखते हुए डीएम ने सभी विभागों को अलर्ट किया है।

 
 

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