नई दिल्ली। मध्य प्रदेश (MP) में कमलनाथ सरकार बेहद मुश्किल में है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा BJP) के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस से नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को पीएम (PM) नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद अब यह माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने जा रहे हैं या फिर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी से सूत्रों ने बताया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल में भाजपा की बैठक में भी शामिल हो सकते हैं। सरकार और पार्टी में उनकी और उनके समर्थक विधायकों की क्या भूमिका होगी, यह तय कर लिया गया है।
सूत्रों ने जानकारी दी है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को भारतीय जनता पार्टी में शामिल भी किया जा सकता है। भाजपा इस बात को लेकर आश्वस्त है कि अगले दो-तीन दोनों में कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
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माना जा रहा है कि कांग्रेस के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज सकते हैं। ऐसे विधायकों की संख्या 20 हो सकती है। यानी अगर ऐसा होता है तो कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी और इसके बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजे जाने के साथ ही उनके कुछ समर्थक विधायकों को मंत्री पद भी दिया जा सकता है।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जबकि सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 है। कांग्रेस को चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और एक समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक का समर्थन हासिल है। इस तरह कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है। वहीं भाजपा के पास 107 विधायक हैं।