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अयोध्या ढांचा विध्वंस मामला : स्पेशल कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं : आडवाणी

नई दिल्ली : 28 साल बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 32 आरोपियों को अयोध्या ढांचा विध्वंस केस में बरी कर दिया गया है। लखनऊ की विशेष अदालत के फैसले पर आडवाणी ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए खुशी का दिन है और मैं पूरे दिल से कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रति मेरे व्यक्तिगत और भाजपा के विश्वास और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया है।

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उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले से साबित होता है कि अयोध्या में 6 दिसंबर की घटना के लिए कोई साजिश नहीं रची गई थी। हमारा कार्यक्रम और रैलियां किसी साजिश का हिस्सा नहीं थे। उन्होंने कहा कि हम फैसले को लेकर खुश हैं और सभी को अब राम मंदिर निर्माण के लिए उत्साहित होना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘सीएम फैसले का स्वागत करते हैं। यह साबित करता है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के लिए संतों, भाजपा नेताओं, विहिप के पदाधिकारियों को बदनाम करने के इरादे से फंसाया था। इस साजिश के लिए जिम्मेदार लोगों को राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए।’

राजनाथ सिंह समेत विभिन्न नेताओं ने दी बधाई

इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने बुजुर्ग नेताओं को बधाई दी है। राजनाथ सिंह ने कोर्ट के फैसले के बाद ट्वीट करते हुए कहा, ‘लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है।’

वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि मैं और मेरी पार्टी फैसले का स्वागत करते हैं और आडवाणी जी, मुरली मनोहर जोशी जी, उमा भारती जी एवं अन्य लोग जिन्हें कोर्ट ने बरी किया है, को मैं बधाई देता हूं। उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट के फैसले से साबित होता है कि वह घटना कोई साजिश नहीं थी। गौरतलब है कि इस मुकदमे पर विशेष जज एसके यादव ने अपने कार्यकाल का अंतिम फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा कि घटना के प्रबल साक्ष्य नहीं हैं। इसके साथ ही लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, महंत नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया गया है। विशेष जज ने कहा कि तस्वीरों से किसी को आरोपित नहीं ठहराया जा सकता है।

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