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गैंगस्टर विकास दुबे: खाकी और खादी की मिलीभगत ने संपोले को बनाया अजगर- पूर्व DGP

गैंगस्टर विकास दुबे और उसका साथी (फाइल फोटो)

लखनऊ, 5 जुलाई, दस्तक (ब्यूरो): कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद इस घटना के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की तलाश जारी है। वहीं, दूसरी तरफ कानपुर प्रशासन ने विकास दुबे के बिठुर स्थित आवास को गिरा दिया है। विकास दुबे को दबोचने के लिए एटीएस और यूपी पुलिस चप्पे-चप्पे पर निगाह लगाए हुए है। इसके लिए लगातार छापेमारी जारी है। इस बीच प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि विकास दुबे जैसे लोग पुलिस, राजनीति और अपराध की मिलीभगत से पैदा होते हैं और आगे चलकर अपराध की अपनी दुनिया कायम करते हैं।

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह (फाइल फोटो)

एटीएस और यूपी पुलिस इसे ढूंढकर चकनाचूर कर देगी

विक्रम सिंह ने कहा, सरकारी विभाग हो या राजनीतिक दल हों, अनैतिक लोगों ने आज इस संपोले को अजगर बना दिया है। ऐसी उम्मीद की जाती है कि ऐसे लोग दो-दिन में मिल जाएं लेकिन ऐसी सफलता 15 दिन बाद ही मिलती है। हर जगह सतर्कता है और यह शातिर दिमाग आदमी है जिसके पास एके-47 और इनसास जैसे हथियार और 300 राउंड कारतूस हैं जो उसने पुलिस से लूटे हैं। इसके अलावा अपने भी गोला-बारूद होंगे। यह पुराना अपराधी है, इसलिए पुलिस को पता होगा कि कहां पर छुप सकता है। मुझे उम्मीद है कि एटीएस और यूपी पुलिस इसे ढूंढकर चकनाचूर कर देगी और किसी उदारता का परिचय नहीं देगी।

फाइल फोटो

पुलिस की वर्दी पर धब्बा लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

पुलिस के लोगों ने ही इसकी मदद की है। इस पर विक्रम सिंह ने कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों का अंतिम संस्कार जेल में होगा। पुलिस की उज्ज्वल वर्दी पर धब्बा लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ये मेरे विभाग की गलती है कि थाने में घुसकर मारने के बावजूद किसी ने उसके खिलाफ गवाही नहीं दी और वह बरी हो गया। पहले ऐसे लोगों को दौड़ाकर गोली मार दी जाती थी, इन्हें अंतिम छूट नहीं दी जाती थी। मेरे कार्यकाल में इस पर रासुका लगा था। उसका इलाज उसी वक्त कर देना चाहिए था और ऐसा ही होगा।

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