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कानपुर संजीत यादव मामला : परिवार की मांग पर सीबीआई को जांच सौंपी गयी

लखनऊ/कानपुर (अमरेन्द्र प्रताप सिंह) : कानपुर के लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण और उसके बाद हत्या के मामले में परिजनों की मांग पर योगी सरकार ने सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश कर दी है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के अनुसार कानपुर के बर्रा काण्ड में पीड़ित परिजनों की मांग पर राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।


संजीत की मां ने पांडु नदी में कूदने का भी प्रयास किया : दूसरी ओर रविवार सुबह से ही संजीत की माता-पिता और बहन ने न्याय दिलाने और संजीत के शव की बरामदगी के लिए कानपुर में शास्त्री चौक पर धरना शुरु कर दिया है। जानकारी के अनुसार इसी बीच संजीत की मां ने पांडु नदी में कूदने का भी प्रयास किया लेकिन पुलिस और क्षेत्रीय लोगों ने उन्हे रोका।

हत्यारों ने अपहरण के बाद हत्या करके संजीत का शव पांडु नदी में ही फेका था। पीड़ित परिवार बेहद दुखी है. मृतक संजीत की मां ने मामले में पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन मिला हुआ है और हमें गुमराह किया जा रहा है। एक मां के दिल से पूछों, नौ माह तक गर्भ रखती है, काश वे मां का दर्द समझ पाते।

मामले में एक आईपीएस समेत 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए : बताते चलें कि कानपुर के बर्रा इलाके में रहने वाले लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का बीती 22 जून को अपहरण किया गया था। इसके बाद 26 जून को उसकी हत्या कर दी गयी। 29 जून को उसके परिवार वालों के पास फिरौती के लिए फोन आया। 30 लाख रुपए फिरौती मांगी गई की थी।

परिवार का आरोप है कि उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख की फिरौती दी, इसके बाद भी उनका बेटा नहीं मिला। इस मामलें में संजीत के दो दोस्तों को बीते गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि ह्त्या करके उन्होंने संजीत का शव पांडु नदी में फेंक दिया था। सरकार द्वारा इस मामले में एक आईपीएस समेत 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

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