नई दिल्ली : अंडेमान और निकोबार द्वीप समूह में चीन के बढ़ते दबदबे को चुनौती देने के लिए भारत ने तैयारी कर ली है। भारत की एकमात्र थ्री सर्विस कमांड पोर्ट ब्लेयर को इस माह के अंत तक एक और नेवल एयरबेस का तोहफा मिलने जा रहा है। इसके तहत नौसेना के शिबपुर स्थित हवाई अड्डे को अपग्रेड कर पूर्ण क्षमता वाले एयरबेस में तबदील किया जा रहा है। इसका नया नाम आई.एन.एस. कुहासा होगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा 24 जनवरी को एन.ए.एस. शिबपुर का संचालन शुरू करेंगे।
मलक्का जलडमरूमध्य की निगरानी होगी आसान
आई.एन.एस. कुहासा की भौगोलिक स्थिति सामरिक और रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। यह इंडोनेशिया से 90, म्यांमार से 45 और थाईलैंड से 550 कि.मी. दूर है लेकिन इसकी स्थिति मलक्का जलडमरूमध्य के मुहाने के बेहद करीब है, जहां से वैश्विक समुद्री व्यापार का 25 प्रतिशत आवागमन होता है लेकिन भारत की रुचि इस इलाके में चीन के बढ़ते दबदबे पर नियंत्रण करने में है, जिसके 80 प्रतिशत व्यापारिक जहाज इस इलाके से गुजरते हैं। चीन इस इलाके के जरिए ङ्क्षहद महासागर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराते हुए मलक्का को प्रैशर प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
नौसेना के लिए 3 नए एयर स्क्वाड्रन मंजूर
सरकार ने समुद्री सुरक्षा को चाक-चौबंद बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए गुजरात और तमिलनाडु में नौसेना के 3 नए एयर स्क्वाड्रन बनाने और केरल तथा अंडेमान द्वीप में मौजूदा डोर्नियर निगरानी स्क्वाड्रनों के लिए अतिरिक्त भर्ती की मंजूरी दी है। नौसेना के अनुसार ये 3 नए एयर स्क्वाड्रन गुजरात और तमिलनाडु में बनाए जाएंगे जिससे समुद्री क्षेत्र में निगरानी प्रणाली को पुख्ता करने में मदद मिलेगी। साथ ही सरकार ने केरल तथा अंडेमान द्वीप में डोर्नियर विमानों के स्क्वाड्रनों के लिए अतिरिक्त भर्ती करने का भी निर्णय लिया है।