अंतरिम बजट से कॉरपोरेट सेक्टर गायब, फिर भी कारोबारी खुश
लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने हर सेक्टर के लोगों को राहत दी है. किसानों को एक निश्चित रकम देने का ऐलान किया गया है तो असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए एक खास पेंशन स्कीम लॉन्च किया गया है. वहीं सरकार की ओर से सूक्ष्म, लघु, छोटे और मध्यम इंडस्ट्री (एमएसएमईज) का भी ध्यान रखा गया है. हालांकि बड़ी इंडस्ट्री को कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती समेत कई उम्मीदें थीं, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी.
बड़ी इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि कॉर्पोरेट टैक्स में राहत मिलेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. वहीं, एल्यूमीनियम इंडस्ट्री की ओर से आयात पर अंकुश लगाने के लिए प्राइमरी एल्यूमीनियम और स्क्रैप मेटल दोनों पर मौजूदा सीमा शुल्क को बढ़ाकर 10 फीसदी कर देने की मांग की जा रही थी.जबकि ऑयल एंड एनर्जी सेक्टर की निवेश पर जोर देने की मांग थी. बायोफ्यूल/बायोडीजल संयंत्र लगाने के लिए आवश्यक मशीनों के आयात पर जीरो शुल्क कर देने की मांग की गई थी. इस बजट में बायोफ्यूल/बायोडीजल संबंधी सभी उत्पादों पर जीएसटी की न्यूनतम दर 5 फीसदी करने की मांग थी.
फिर भी कारोबारी खुश
इंडस्ट्री की तमाम मांगें पूरी नहीं होने के बाद भी किसानों और मध्यम वर्ग को मिली राहत से बड़े कारोबारी खुश हैं. अडाणी समूह के चेयरमैन एवं संस्थापक गौतम अडाणी ने ट्वीट किया, ‘मध्यम वर्ग, छोटे कारोबारी और किसान आर्थिक वृद्धि की जीवनरेखा हैं. बजट 2019 में लाखों सपनों को पूरा करने का प्रयास किया गया है.’ वहीं महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा का कहना है कि मध्यम वर्ग और किसानों को अर्थव्यवस्था को दिवालियापन के जोखिम में डाले बिना राहत दी गई है. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी के मुताबिक बजट 2019-20 में मांग और अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर को बढ़ाने के लिए सही बिंदुओं को छुआ गया है.
स्टील इंडस्ट्री का रिएक्शन
भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने भारतीय इस्पात क्षेत्र के लिए सकारात्मक बताया. उनके मुताबिक सरकार का यह बजट देश के तीव्र आर्थिक विकास पर ध्यान देने वाला है. इसके साथ ही रेलवे, रक्षा, सड़क, विमानन, जलमार्ग, अंतरिक्ष, एलपीजी गैस समेत सागरमाला परियोजना जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर भी विशेष जोर दिया गया है. ये सभी क्षेत्र सीधे तौर पर इस्पात उत्पादों के उपभोग से जुड़े हैं और यह निश्चित रूप से आने वाले दिनों में देश में इस्पात खपत बढ़ाने में मददगार साबित होगा. उन्होंने भारतीय रेलवे के लिए 1,58,658 करोड़ रुपये की राशि के आवंटन पर भी खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण के साथ रेल यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर देगा.
एफएमसीजी इंडस्ट्री का ये है रिएक्शन
अंतरिम बजट के नए प्रस्तावों के बाद रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) को मांग बढ़ने की उम्मीद है. डाबर इंडिया के मुख्य कार्यकारी सुनील दुग्गल के मुताबिक यह नयी मांग बढ़ाने वाला बजट है. बजट से ग्राहकों की धारणा मजबूत होगी. वहीं आईटीसी के प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने कहा कि बजट से उपभोग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा.
इसके साथ ही मध्यवर्ग, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, कृषि और ग्रामीण समुदायों के लिए विशेष तौर पर की गई रुपरेखा से उन्हें भी लाभ होगा. गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के एमडी विवेक गंभीर ने कहा कि कुल मिलाकर यह ‘पहले उपभोग को बढ़ावा’ देने वाला बजट है. यह एफएमसीजी क्षेत्र को एक मजबूत वृद्धि देगा. इसके अलावा मेरिको के एमडी सौगत गुप्ता ने कहा कि बजट में न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि योजनाओं में निवेश बढ़ाने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. नेस्ले इंडिया का कहना है कि प्रस्तावित बजट से घरेलू उपभोग बढ़ेगा.