राज्यसभा चुनाव की अंकगणित में संख्या जुटाने की कवायद में जुटे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया और उनके समर्थक विधायक विनोद सरोज से फोन पर बात की. सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने दोनों ही विधायकों से राज्यसभा चुनाव के लिए समर्थन मांगा.
हालांकि इससे पहले अखिलेश ने पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें सिर्फ 40 विधायक ही पहुंचे. शिवपाल सिंह यादव, आजम खान, अब्दुल्ला आजम, नितिन अग्रवाल, हरिओम यादव, सुभाष पासी और कल्पनाथ नहीं पहुंचे. शिवपाल के सैफई चले जाने की वजह से उनके डिनर में शामिल होने पर भी सस्पेंस बना हुआ है. हालांकि खबर यह भी आ रही है कि अखिलेश ने उसने फोन पर बात की है. उसके बाद वे लखनऊ लौट रहे हैं. कुल मिलकर चर्चाओं का बाजार एक बार फिर गर्म है कि सपा के विधायाक छिटक न जाएं.
सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन ने कहा, “जो विधायक नहीं आए, उन्होंने अपने कारण बता दिए हैं. वे सभी डिनर में आ रहे हैं. नितिन अग्रवाल खुद तय करें कि वो कहां हैं? शिवपाल जी नाराज़ नहीं हैं, वो किसी कारण से नहीं आए लेकिन डिनर में आएंगे.”
उन्होंने कहा, “हमारी एकता से बीजेपी के पसीने छुटे हैं, उनमें खलबली है. अब ये एका जुमलेबाज़ों को और झूठे सपने दिखाने वालों को हराएगा.” साजन ने कहा, “आज़म साहब किसी कारण से नहीं आ पाए, वो भी हमारे साथ हैं. ये आंकड़ों का चुनाव है, इसमें हम और बीएसपी का प्रत्याशी जीतेगा.”
गौरतलब है कि यूपी में राज्यसभा के लिए 10 सीटों के लिए चुनाव होना है. मौजूदा स्थिति में बीजेपी के 8 प्रत्याशियों की जीत तय है, जबकि सपा अपने एक उम्मीदवार को राज्यसभा भेजगी. बाकी बची एक सीट पर बीजेपी के अनिल अग्रवाल और बसपा के भीमराव अम्बेडकर के बीच मुकाबला है.
दरअसल, राज्यसभा की एक सीट के लिए 37 वोट चाहिए. वोटों के गणित के हिसाब से सपा के जया बच्चन के 37 वोट के बाद उसके पास 10 विधायक बचेंगे. बसपा के 19 और कांग्रेस के 7 विधायक मिलकर यह आंकड़ा 36 पहुंचता है, जबकि बीजेपी समर्थित अनिल अग्रवाल को जीत के लिए 9 वोट जुटाने होंगे.
वहीं, सपा से बीजेपी में शामिल हुए सांसद नरेश अग्रवाल ने ऐलान किया है कि उनके बेटे और सपा विधायक नितिन अग्रवाल बीजेपी को वोट करेंगे. ऐसे में बीजेपी को एक वोट का फायदा, तो बसपा खेमे को एक वोट का नुकसान है. इधर सपा की नजर बीजेपी से नाराज पूर्व सांसद रमाकांत यादव के विधायक बेटे के वोट पर भी टिकी है. इसके अलावा दोनों खेमों की नजर में 3 निर्दलीय, 1 रालोद और निषाद पार्टी के 1 विधायक पर भी है.