अगर रोज दिखने लगे ये संकेत तो समझ जाइए आपसे क्रोधित हैं शनिदेव, तुरंत कीजिये ये उपाय…
जैसा की सभी जानते हैं सूर्य पुत्र शनिदेव को सभी देवो में सबसे कृधि स्वभाव का माना जाता हैं । ज्योतिषियो के अनुसार किसी एक राशि पर शनिदेव की कुदृष्टि पड़ जाए तो वह पुरे ढाई साल रहती हैं जिसको शनी की ढैय्या भी कहते हैं । आपको जानकार हैरानी होगी की जिस राशि पर शनि की दृष्टि पड़ने वाली होती हैं उससे पहले उस राशि के जातको को प्रकृति भी कुछ संकेत देती हैं ।
शनिदेव को कृमफल दाता भी कहा जाता हैं जो वयक्तियो के अच्छे बुरे कर्मो का हिसाब करते हैं । आपकी जानकारी के लिए बता दे की शनिदेव जिस राशि पर प्रसन्न या कुपित होते हैं उससे पहले कुछ संकेत द्वारा उस राशि जातको को आगाह भी करते हैं । आज हम इसी की जानकारी आपको देने जा रहे हैं ।
शनिदेव की ढैय्या या साढ़ेसाती चढने वाली हैं तो ये संकेत दिखाई देते हैं ।
किसी कारणवश आपको अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ गया हैं तो इसको शनिदेव की कुदृष्टि का परिणाम माना जाता हैं , यही नही कारोबार में गिरावट भी शनिदेव के बुरे प्रभावों का नतीजा होती हैं ।
जिस व्यक्ति पर शनिदेव कुपति हो जाते हैं तो वह ना केवल बुरी संगत में पड़ जाता हैं बल्कि हर समय झूठ बोलने का आदि होकर पाप का भागी बनता रहता हैं ।
नौकरी में अचानक हुआ अनचाही जगह ट्रांसफर भी शनिदेव की कुदृष्टि का नतीजा हैं वही कोर्ट कचहरी के पचड़े में पड़ना भी शनिदेव के बुरे प्रभाव में से एक माना जाता हैं ।
कर्ज बढना और चुकाया ना जाना भी शनिदेव का एक बुरा प्रभाव हैं वही घर में आपसी झगड़े यदि बढने लगे तो समझिये शनिदेव नाराज हैं ।
शनिदेव के बुरे प्रभावों से बचने के उपाय
शनिदेव के इन बुरे प्रभाव से बचना चाहते हैं तो हम आपको सबसे सरल और आसान उपाय बताने जा रहे हैं, करना ये हैं की शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की विधि विधान से पूजा कीजिये ।
इसको करने के लिए सूरज निकलने से पहले उठकर स्नान करके गाय के दूध में तिल, चंदन और गंगा जल मिलाकर मूलतो ब्रह्मारूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे अग्रतः शिवरूपाय वृक्ष राजाय ते नमः आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसंपदम्दे हि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:मन्त्रो के साथ पीपल की जड़ में अर्पित कर दे ।