यह मामला दिल्ली में कारोबारियों से पांच करोड़ की रंगदारी वसूलने का है। इस मामले में रोमेश शर्मा भी आरोपी है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने 1998 में मोबाइल इंटरसेप्शन के आधार पर यह मुकदमा दर्ज किया था।
उस समय रमेश लांबा स्पेशल सेल में इंस्पेक्टर थे। केस की अगली सुनवाई के लिये 27 मई की तारीख तय की गई है। मुख्य महानगर दंडाधिकारी सुमित दास के समक्ष बृहस्पतिवार को एसीपी रमेश लांबा का बयान दर्ज हो गया।
लोक अभियोजन अधिकारी ने लांबा का बयान दर्ज करवाया। लांबा ने अपने बयान में कहा कि उन्हें तत्कालीन एसीपी एलएन राव से केस की जांच मिली थी और इसके बाद सारी कार्रवाई की थी।
इसके बाद शिकायतकर्ता अशोक गुप्ता द्वारा दिये मोबाइल नंबरों के सर्विलांस के बाद कई लोगों से पूछताछ व गिरफ्तारी की थी। दिल्ली पुलिस ने यह केस अक्तूबर 1998 में दर्ज किया था। उस समय सलेम दुबई में था और रोमेश शर्मा दिल्ली में था।