लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) की राष्ट्रीय महासचिव अनुराधा चौधरी ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा देने के साथ पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। कभी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) में अजित सिंह के बाद नंबर दो रहीं अनुराधा ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के समय मुलायम सिंह यादव का दामन थामकर सपा में शमिल हो गई थीं। सपा की सरकार आने के बाद अनुराधा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर उपकृत किया गया था। लोकसभा चुनाव में हार के लिए दो दिन पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिन 36 दर्जा प्राप्त मंत्रियों को बर्खास्त किया था उनमें अनुराधा भी शामिल थीं। अपने खिलाफ हुई कार्रवाई से नाराज अनुराधा ने शुक्रवार को सपा छोड़ने का ऐलान कर दिया। लोकसभा चुनाव में सपा की करारी हार के लिए आजम खान को जिम्मेदार बताते हुए अनुराधा ने कहा कि राज्य के लोग मुजफ्फरनगर के दंगों को लेकर सरकार की भूमिका से बेहद नाराज थे। उन्होंने कहा कि केवल एक मंत्री (आजम) को इतनी शक्ति दे दी गई कि वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हर मामले में अड़ंगा लगाते हैं। मुजफ्फरनगर हिंसा मामले में आजम के दखल के चलते उचित समय पर कार्रवाई नहीं हुई जिससे हिंसा ने इतने बड़े दंगे का रूप ले लिया। अनुराधा ने कहा कि चुनाव के वक्त आजम ने कारगिल युद्ध को लेकर देश को बांटने वाला बयान दिया था। लोगों ने सपा को इसलिए वोट नहीं दिया। आने वाले समय में वह किस राजनीतिक दल में जाएंगी इस सवाल पर अनुराधा ने कहा कि वह फिलहाल अपने समर्थकों के बीच रहेंगी। समर्थकों से राय लेने के बाद ही कोई फैसला लेंगी।