अनुशासित एवं संस्कारयुक्त बालक ही कर सकते हैं समाज का मार्गदर्शन : डा.गांधी
सीएमएस गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) द्वारा ‘एनुअल मदर्स डे एवं ग्रैण्ड पैरेन्ट्स डे’ समारोह का आयोजन
लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) कैम्पस द्वारा ‘एनुअल मदर्स डे एवं ग्रैण्ड पैरेन्ट्स डे’ समारोह का भव्य आयोजन सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में बड़ी धूमधाम से सम्पन्न हुआ। इस भव्य समारोह में रंग-बिरंगी पोशाकों में हँसते-गाते नन्हें-मुन्हें बच्चों ने जीवन का उल्लास बिखरते हुए एक से बढ़कर एक शानदार शैक्षिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह की खास बात रही कि इसमें छात्रों के माता-पिता के साथ ही उनके दादा-दादी व नाना-नानी को भी विशेष रूप से आमन्त्रित किया गया था, जिन्होंने बड़ी संख्या में पधारकर नन्हें-मुन्हें छात्रों की हौसलाअफजाई की। सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) का यह मातृ दिवस समारोह न सिर्फ स्वस्थ मनोरंजन का अभिनव प्रयोग था अपितु इसने सिद्ध कर दिया कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण कारक है और जीवन मूल्यों व संस्कारों से ओतप्रोत ये नन्हें बच्चे ही भविष्य के सुखमय समाज की नींव रखेंगे।
समारोह का शुभारम्भ विश्व शान्ति एवं ईश्वरीय एकता का सन्देश देती ‘सर्व-धर्म एवं विश्व शान्ति प्रार्थना’ से हुआ, जिसके माध्यम से विद्यालय के छात्रों ने सभी के हृदयों को प्रभु प्रेम से सराबोर कर दिया। विद्या की देवी माँ सरस्वती एवं शक्ति व साहस का संचार कर आत्मबल को जगाने वाली माँ दुर्गा की नृत्यनाटिका शैली में प्रस्तुत स्तुति काफी प्रभावशाली रही। इसके अलावा, विभन्न प्रकार के लोकगीत, गीत-संगीत, एरोबिक्स आदि की अनेकानेक शानदार प्रस्तुतियों ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया एवं सभी ने छात्रों की प्रतिभा की दिल खोलकर प्रशंसा की। इस अवसर पर विश्व शान्ति प्रार्थना के माध्यम से सी.एम.एस. छात्रों ने जहाँ एक ओर विश्व एकता व विश्व शान्ति का जयघोष बड़े ही प्रभावशाली ढंग से किया तो वहीं दूसरी ओर वर्ल्ड पार्लियामेन्ट के अभूतपूर्व प्रस्तुतिकरण द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय न्यायिक व्यवस्था की स्थापना के लिए ”विश्व संसद“ बनाने की आवश्यकता की ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया।
इस अवसर पर अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि अनुशासित एवं संस्कारयुक्त वातावरण में पले-बढ़े बालक ही आगे चलकर समाज का मार्गदर्शन कर सकते हैं। हमें बच्चों को अच्छा संसार देने की शुरूआत घर-परिवार से करनी चाहिए एवं उन्हें बचपन से ही एकता के विचार देने चाहिए। डा. गाँधी ने कहा कि माताओं को समर्पित यह कार्यक्रम संदेश देता है कि माताएं नन्हें-मुन्हें बच्चों का नैतिक एवं आध्यात्मिक विकास कर सामाजिक विकास में रचनात्मक भूमिका निभा सकती हैं। सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) की प्रधानाचार्या आभा अनन्त ने कहा कि सी.एम.एस. अपने छात्र को समाज का आदर्श नागरिक एवं विश्व मानवता का सिरमौर बनाने को सतत प्रयासरत है। हमारा प्रयास है कि छात्रों की बहुमुखी प्रतिभा का लगातार विकास हो, उनमें सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो एवं सामाजिक उत्थान की दिशा में युवा ऊर्जा को रचनात्मक उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।