ज्ञान भंडार
अफसरों पर बरसे मंत्री, कहा – जो काम करना होता है उसके लिए बदल देते हैं नियम
रायपुर. कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर जमकर नाराजगी जताई। मकानों के फ्री होल्ड के मामले में मंत्रियों ने अफसरों के प्रस्ताव को बिजनेस रुल्स के खिलाफ बताते हुए कहा कि पूरा प्रस्ताव ही गलत है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अफसरों को जो काम करना होता है उसके लिए तो सारे नियम -कानून पलट और बदल दिए जातें हैं और जिन्हें नहीं करना होता उनको अड़ंगा लगाकर रोक दिया जाता है। हाउसिंग बोर्ड और रायपुर विकास प्राधिकरण की जमीनों के फ्री-होल्ड के प्रस्ताव पर कैबिनेट में हंगामा हुआ। पूरा प्रस्ताव आवास एवं पर्यावरण विभाग के द्वारा लाया गया था जबकि मंत्रियों का कहना था कि यह तो राजस्व विभाग का मामला है।
इसी बात पर अफसर मंत्रियों के निशाने पर आ गए। प्रस्ताव की संक्षेपिका पढ़ते ही मंत्रियों की त्योरियां चढ़ गई । सबसे पहले राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे ने यह कहकर आपत्ति की कि पह प्रस्ताव ही गलत लाया गया है। राजस्व विभाग के प्रस्ताव को आवास- पर्यावरण विभाग कैसे ला सकता है। यह अफसरों द्वारा नियमों की अनदेखी का मामला है। उनकी इस आपत्ति को अन्य मंत्रियों ने भी सही ठहराया। संसदीय कार्य मंत्री अजय चंद्राकर और नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि यह प्रस्ताव आवास पर्यावरण ला ही नहीं सकता। उनके साथ श्रम मंत्री भैयालाल राजवाड़े, वन मंत्री महेश गागड़ा, शिक्षा मंंत्री केदार कश्यप, पर्यटन मंत्री दयाल दास बघेल भी अफसरों पर बिफर पड़े।उसके बाद पूरे प्रस्ताव को राजस्व विभाग के जरिए दोबारा लाने की बात कही गई।
कटाक्ष भी किया- हाउसिंग बोर्ड और आरडीए बिजनेस कर रहे
चर्चा के दौरान तो मंत्रियों ने आरडीए और हाउसिंग बोर्ड के कामकाज का ही पोस्टमार्टम कर डाला। कहा गया कि गरीबों के लिए लाभ-अलाभ की नीति के तहत मकान बनाने के बजाए दोनों ही एजेंसियां एक बिल्डर की तरह बिजनेस कर रहीं है। हजारों करोड़ रुपए का लोन लेकर बड़े-बड़े परिसर खड़े कर दिए गए । सभी जगह एक भी मकान नहीं बिक पाए हैं। सरकार को करोड़ों के ब्याज की भरपाई करनी पड़ रही है।