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अब ‘मेड इन इंडिया’ होगी PM आवास की सुरक्षा

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री आवास की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए सरकार का मुख्य उद्देश्य नई परिधि घुसपैठ जांच प्रणाली (पी.आई.डी.एस.) को अपग्रेड करना है। इस प्रणाली से लोक कल्याण मार्ग स्थित परिसर 7 पर नजर रखी जाएगी। सरकार के निर्देशों के अनुसार जांच प्रणाली के सभी प्रमुख अंश भारत में बने होने चाहिए। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एस.पी.जी.) इस जांच प्रणाली की स्थापना और कार्रयत होने तक देखरेख करेगा। इस सिस्टम में नए सेंसर लगे होंगे जो परिसर में 2.8 किमी के दायरे में किसी भी तरह की घुसपैठ के प्रयास का पता लगाने में मदद करेंगे। हालांकि लोक कल्याण मार्ग और तीन मूर्ति मार्ग जैसी व्यस्त सड़कों पर सुरक्षा के इंतजाम हमेशा सबसे ऊपर रहे हैं।

SPG अधिकारियों को करना होगा प्रशिक्षित

एस.पी.जी. बोली दस्तावेजों (जो पिछले सप्ताह जारी किए गए हैं) में यह विशेष रुप से कहा गया है कि पी.आई.डी.एस. की सभी प्रमुख प्रणालियों और उप-प्रणालियां भारत में बनी होनी चाहिए। विजेता बोलीदाता को सिस्टम संचालन के लिए 10 एसपीजी अधिकारियों को प्रशिक्षित करना होगा जो चौबीस घंटे निगरानी का काम करेंगे। एस.पी.जी. द्वारा दिए जाने वाले काम के तीन महीनों के भीतर पी.आई.डी.एस. को चालू करना होगा। बोलीदाताओं को चयन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में एस.पी.जी. को प्रणाली का पूर्ण प्रदर्शन प्रदान करना होगा।

उल्लंघन होने पर बजेगा अलार्म

नए पी.आई.डी.एस. सिस्टम हाल ही में दिल्ली और हैदराबाद हवाई अड्डों पर सीमाओं के आसपास किसी अनजान हरकत का पता लगाने के लिए स्थापित किए गए हैं। इनमें एक गुप्त रेडियो फ्रीक्वेंसी घुसपैठिया पहचान प्रणाली, एक माध्यमिक सक्रिय इन्फ्रा-रेड घुसपैठिया पहचान प्रणाली और एक व्यापक सीसीटीवी निगरानी प्रणाली शामिल है जिससे किसी भी तरह की घुसपैठ को नाकाम किया जा सकता है। सिस्टम से एक अदृश्य इन्फ्रा-रेड बीम निकलती है और किसी भी तरह का उल्लंघन होने पर कंट्रोल रुम में एक अलार्म बज जाता है।

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