लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े फैसले किये। इसके बाद अब उन्होंने अखिलेश यादव की समाजवादी आवास स्कीम को बंद कर दिया है। इसके बदले अब लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अफोर्डेबल हाउस स्कीम का फायदा मिल सकता है।
योगी आदित्यनाथ ने लिया फैसला बंद होगी अखिलेश की समाजवादी आवास स्कीम
अफोर्डेबल हाउस स्कीम मोदी सरकार की ऐसी स्कीम है जिसे देशभर में लोगों को सस्ता घर दिलाने के लिए लांच किया गया था। इस योजना की जगह तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी में समाजवादी आवास योजना को लांच किया था।
समाजवादी आवास योजना के तहत राज्य में मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग को 2 बेडरूम वाला सस्ता घर देने का वादा किया गया था। इस योजना के तहत समाजवादी पार्टी की सरकार की कोशिश 2016 तक 3 लाख लोगों को यह सस्ता घर देने का लक्ष्य था।
इसके अंतर्गत, गाजियाबाद, लखनऊ और मेरठ लोगों ने आवेदन किया था। आवेदन की प्रक्रिया को 2 जून 2016 को पूरा कर लिया गया था । योजना के मुताबिक-
गुलमोहर एनक्लेव फ्लैट्स (गाजियाबाद) : 1951 यूनिट (1 BHK और 2BHK)
आम्रपाली एनक्लेव योजना (लखनऊ) : 920 यूनिट (1 BHK और 2BHK)
3 भागीरथी एनक्लेव योजना (मेरठ): 1584 यूनिट (1 BHK और 2BHK)
इन शहरों में जारी की जा चुकी इन स्कीम्स के अलावा अखिलेश सरकार ने राज्य के कई अन्य शहरों में प्लॉट आवंटन और एडवांस बुकिंग जैसी प्रक्रिया को पूरा कर लिया था। अब योगी सरकार के ऊपर है इन योजनाओं के को बंद करती है या इन्हें जारी रखती है।
हालांकि जब नई सरकार सत्ता में आती है तब पुरानी सरकारों की स्कीमों को बदल दिया जाता है। ऐसे अब योगी सरकार अब इन स्कीमों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आगे बढ़ा सकती है। इस योजना में योगी सरकार मध्यम वर्ग और निम्न मध्मय वर्ग के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम को आगे बढ़ाएगी।
प्रधानमंत्री आवास स्कीम के मुताबिक 6-12 लाख रुपए की वार्षिक आय वालों को 90 स्कॉयर मीटर और 12-18 लाख रुपये वार्षिक आय वाले परिवारों को 110 स्क्वायर मीटर कार्पेट एरिया के सस्ते घर दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन करने पर केन्द्र सरकार शहरी इलाकों में इस आय वर्ग को अफोर्डेबल घर देने के लिए आवेदकों को होम लोन पर सब्सिडी देगी।
गोरखपुर में मेट्रो
वहीँ राज्य में अफोर्डेबल घर के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अखिलेश सरकार के चल रहे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को आगे बढ़ने का भी फैसला ले सकते हैं। इसके साथ ही मेट्रो रेल का दायरा बढ़ जाएगा। यानी की अब मेट्रो प्रोजक्ट शहरों में गोरखपुर का नाम भी शामिल हो सकता है