कंडक्टर अशोक की जमानत के बाद उसके वकील अनिल शर्मा का कहना है कि, ‘अशोक को जमानत संविधान के अनुच्छेद 21 के आधार पर दी गई है। पुलिस और सीबीआई की जांच में कई असमानताएं पाई गईं। हमें संदेह का लाभ मिला।’
वहीं प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर का कहना है कि, ‘मुझे मीडिया से पता चला कि एक ऑडियो क्लिप भी सामने आया है जिसमें आरोपी छात्र और अशोक के बीच की बातचीत कैद है। सीबीआई मामले की जांच कर रही है और हमें परिणाम का इंतजार करना चाहिए।’
अशोक को बेल मिलने पर प्रद्युम्न के परिवार के वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा, ‘प्रद्युम्न के पिता ये केस तब तक लड़ेंगे जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता। हमें कानून पर पूरा भरोसा है। हरियाणा पुलिस ने असली आरोपी को बचाने और पूरी जांच को प्रभावित करने की कोशिश की है।’
बेटे की रिहाई से खुश अशोक के पिता से जब जमानत पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो वो बोले, ‘अशोक को जमानत मिलने से हम सब बहुत खुश हैं।’
गौरतलब है कि प्रद्युम्न हत्या मामले में 8 सितंबर को ही पुलिस बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार किया था। मामला सीबीआई के अधीन जाने के बाद सीबीआई ने मामले में 11वीं कक्षा के छात्र को हिरासत में लिया था।
इसके बाद अशोक के अधिवक्ता मोहित वर्मा ने अदालत में अशोक की जमानत याचिका दायर की। इस मामले में अदालत ने सीबीआई को नोटिस जारी कर अपना जवाब दाखिल करने को कहा था।
16 नवंबर को हुई सुनवाई में सीबीआई ने कहा था कि प्रद्युम्न की हत्या में अशोक की संलिप्तता सीधे तौर पर सामने नहीं आई है, लेकिन जांच नाजुक दौर पर है। ऐसे में मामले की जांच में उन्हें अशोक की जरूरत पड़ सकती है।
अशोक के अधिवक्ता मोहित ने बताया कि रिपोर्ट में डीएनए मैच नहीं हुआ है। इसके अलावा जिस चाकू को पुलिस ने कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजा था, उस पर उंगलियों के निशान नहीं मिले।
इस रिपोर्ट को अदालत में जमा कराया गया है। न्यायिक क्षेत्र को लेकर भी दोनों पक्षों में बहस हुई। अदालत ने बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत न्यायिक क्षेत्र व जमानत पर फैसला मंगलवार को सुनाएगी।