- नीरव मोदी के खिलाफ पिछले साल जारी हुआ था रेड कॉर्नर नोटिस
- नीरव और उसके मामा मेहुल चोकसी पर 13 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप है
- लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट
- वारंट जारी होने के दो दिन बाद हुई थी नीरव मोदी की गिरफ्तारी
पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में नीरव मोदी की जमानत पर सुनवाई चल रही थी। जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब नीरव मोदी मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी। सुनवाई के दौरान नीरव मोदी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से पेश किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान टोबी कैडमैन ने अदालत में कहा कि नीरव मोदी भारतीय एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है और उसके भाग जाने का डर है। टोबी ने कहा कि इस बात का डर भी है कि वह गवाहों को बरगला सकता है और सबूत नष्ट कर सकता है। कैडमैन ने अदालत में कहा कि नीरव मोदी ने एक गवाह आशीष को बुलाया और उसे जान से मारने की धमकी दी।
वहीं, नीरव मोदी के वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने कहा कि नीरव जनवरी 2018 से ब्रिटेन में है। उसे अगस्त 2018 से पता है कि वह प्रत्यर्पित होने जा रहा है। उसके पास सुरक्षित ठिकाने के रूप में कोई स्थान नहीं है। वह ब्रिटेन में खुलेआम रहता है और उसने छिपने की कोई कोशिश नहीं की है।
इससे पहले लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में भारतीय अधिकारियों की ओर से अभियोजन का प्रतिनिधित्व करने वाले टोबी कैडमैन ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया था कि नीरव मोदी को जमानत मिलने पर हम इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। हम वह सब कुछ करेंगे जिससे वह रिहा न हो सके।
इससे पहले नीरव मोदी की जमानत पर सुनवाई को लेकर भारतीय एजेंसियों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का संयुक्त दल वेस्टमिंस्टर कोर्ट पहुंच चुका है। सीबीआई और ईडी की टीम अपने साथ नीरव मोदी, उसकी पत्नी एमी, उसके मामा मेहुल चौकसी और अन्य के खिलाफ दायर चार्जशीट की प्रति भी ले गई है। ईडी के अधिकारी नीरव और उसकी कंपनियों की 147 करोड़ रुपए की संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी ले गए हैं। एजेंसी ने यह संपत्ति 26 फरवरी को अटैच की थी।
ईडी के संयुक्त निदेशक की प्रतिनियुक्ति समाप्त
प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक सत्यब्रत कुमार की प्रतिनियुक्ति उनके पांच वर्ष के कार्यकाल के पूरा होने के बाद समाप्त हो गई है। हालांकि, वह एमबीजेडओ-1 में कोयला ब्लॉक मामले की जांच की निगरानी करना जारी रखेंगे। सत्यब्रत कुमार लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में मौजूद हैं जहां नीरव मोदी की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के मामले में भी वह जांच अधिकारी थे।
नीरव मोदी के खिलाफ अदालत में प्रस्तुत किए गए अतिरिक्त सबूत
नीरव मोदी के खिलाफ अतिरिक्त सबूत के साथ एक नई फाइल शुक्रवार को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश की गई थी। भारतीय अधिकारियों की ओर से क्राउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) ने यह फाइल कोर्ट में प्रस्तुत की।
भारतीय अधिकारियों की ओर से अभियोजन का प्रतिनिधित्व करने वाले टोबी कैडमैन द्वारा फाइल जमा करने पर मुख्य न्यायाधीश एमा अर्बथनॉट ने कहा, ‘यह एक बड़ी फाइल हैं जिसमें कुछ कागजात हैं।’ बता दें कि अर्बथनॉट वही जज हैं जिन्होंने पिछले दिसंबर में किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था।
बता दें कि भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की पहली जमानत याचिका को जिला जज मैरी मैलन ने रद्द कर दिया था। नीरव को स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस मे केंद्रीय लंदन की एक बैंक से गिरफ्तार किया था जहां वह नया बैंक खाता खुलवाने की कोशिश कर रहा था।
ईडी के अनुरोध पर लंदन की अदालत ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट
बता दें कि पीएनबी को 13,500 करोड़ रुपये का चूना लगाकर विदेश भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लंदन के होलबोर्न से 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के दो दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रत्यर्पण अनुरोध पर लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।