अभी-अभी: मोदी सरकार ने खेला बड़ा दांव, चुनाव से पहले किसान हो जाएंगे मालामाल!
मोदी सरकार लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले किसानों के खाते में एक साथ 4 हजार रुपये डालने की तैयारी में है. दरअसल अंतरिम बजट में घोषित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तहत पात्र किसानों को दो किस्तों का भुगतान सरकार एक साथ करने की तैयारी कर रही है. इससे किसानों के खाते में सीधे 4,000 रुपये आएगा.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी को अंतरिम-बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) नामक प्रत्यक्ष आय सहायता योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत लगभग 12 करोड़ लघु और सीमांत किसानों को प्रति वर्ष 6000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा. यह रकम सीधे उनके बैंक खातों में तीन किश्तों में दिए जाएंगे, दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसान इसके हकदार होंगे.
पीयूष गोयल ने यह भी कहा था कि यह योजना इसी वित्तीय वर्ष में एक दिसंबर 2018 से शुरू की जाएगी, और मार्च 2019 तक आय सहायता की पहली 2,000 रुपये की किस्त का भुगतान कर दिया जाएगा.
कृषि मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ‘राज्य सरकारें पात्र किसानों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं. उम्मीद है लाभार्थियों की शुरुआती सूची जल्द ही तैयार हो जाएगी.’ अधिकारी ने कहा कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों ने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल कर दिया है. तेलंगाना, ओडिशा और झारखंड के पास भी आंकड़े हैं क्यों कि इन राज्यों ने भी इसी तरह की योजनाओं की घोषणा की है.
यह पूछे जाने पर कि क्या लोकसभा चुनाव से पहले दो किस्तें दी जाएंगी, अधिकारी ने कहा, ‘हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. हम लोकसभा चुनाव से पहले दो किस्तें ट्रांसफर करने के बारे में आशान्वित हैं जो मिलाकर 4,000 रुपये का होगा.’
अधिकारी ने कहा कि चूंकि इस योजना को चालू वित्तवर्ष में लागू किया जा रहा है, इसलिए अगले महीने किसी भी समय चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी इसका क्रियान्वयन प्रभावित नहीं होगा. अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं.
प्रधानमंत्री-किसान के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पद रखने वाले, सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू), 10,000 रुपये से अधिक मासिक पेंशन पाने वाले सभी सेवानिवृत्त पेंशनभोगी, आयकर दाताओं तथा डॉक्टर एवं इंजीनियरों जैसे पेशेवरों को योजना से बाहर रखा गया है.
सरकार ने योजना के तहत लाभार्थियों की पात्रता का निर्धारण करने के लिए समयसीमा एक फरवरी, 2019 को निर्धारित किया है, और इसके बाद अगले 5 वर्षों के लिए योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
एक दिसंबर, 2018 और 31 जनवरी, 2019 के बीच ट्रांसफर की गई भूमि का स्वामित्व रखने वाले लोग इस योजना के तहत लाभ के प्राप्त करने के पात्र होंगे. हालांकि पहली किस्त हस्तांतरण की तारीख से आनुपातिक रूप से दी जाएगी.