अमृतसर रेल हादसे के 40 घंटे बाद ‘मौत के ट्रैक’ से गुजरी ये पहली ट्रेन
अमृतसर रेल हादसे के 40 घंटे बाद रविवार को ट्रेनों का परिचालन बहाल हो गया है. अमृतसर में दशहरे के दिन हुए ट्रेन हादसे के बाद से पटरियों पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया है. रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि ट्रेनों का परिचालन 40 घंटे से भी ज्यादा समय बाद रविवार दोपहर को बहाल हो पाया है.
प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे को स्थानीय अधिकारियों से दोपहर साढ़े 12 बजे ट्रेन सेवाएं बहाल करने की मंजूरी मिली.
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि पहली मालगाड़ी दोपहर दो बजकर 16 मिनट पर मनावला से अमृतसर रवाना हुई. उन्होंने बताया कि इसके बाद मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों का आवागमन शुरू किया जाएगा.
फिरोजपुर मंडल के वरिष्ठ मंडलीय सुरक्षा आयुक्त (रेलवे) एस सुधाकर ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि जोड़ा फाटक पर ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं. एक मालगाड़ी को इस मार्ग से गुजरने की अनुमति दी गई.
वहीं, ट्रेन सेवाएं बहाल होने के बावजूद रेलवे ने रविवार को 17 ट्रेनें रद्द कर दी, 14 को गंतव्य से पहले ही उनका मार्ग पूरा कर दिया गया और सात ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया.
इससे पहले पंजाब पुलिस ने धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को पटरी से हटाया. पटरी से हटाए जाने के दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी झड़प हुई.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पथराव में पंजाब पुलिस का एक कमांडो और एक फोटो पत्रकार घायल हो गए. प्रदर्शनकारी राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पंजाब पुलिस ने कमांडो समेत अपने अन्य सुरक्षा कर्मी तैनात किए हैं. जोड़ा फाटक इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के कर्मी भी मौजूद हैं.
जिला प्रशासन ने कहा कि शुक्रवार शाम को जालंधर-अमृतसर ट्रेन से कुचलकर जिन 59 लोगों की मौत हुई है, उनमें से 40 लोगों की पहचान हो चुकी है. इसके अलावा बाकी लोगों की पहचान की जा रही है.
बता दें कि शुक्रवार शाम को अमृतसर के चौड़ा बाजार स्थित जोड़ा फाटक के रेलवे ट्रैक पर लोग मौजूद थे. पटरियों से महज 200 फुट की दूरी पर पुतला जलाया जा रहा था. इसी दौरान जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू ट्रेन वहां से गुजरी और ट्रैक पर मौजूद लोगों को कुचल दिया.
इसके बाद चारो ओर लाशें बिछ गईं. इस हादसे में 59 लोगों की मौत हुई है, जबकि 57 लोग घायल हैं. बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त ट्रेन की रफ्तार करीब 100 किमी. प्रति घंटे थी.