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अमेरिका ने चीन पर प्रतिबंध लगाकर मोल ली दुश्मनी, ‘रख दी गले पर छुरी..’

रूस के साथ हथियार खरीद सौदा होने के बाद अमेरिका ने चीन पर प्रतिबंध लगाकर जो नाराजगी मोल ली वह और आगे बढ़ गई है। चीन की तरफ से जिस ताइवान देश पर अपना होने का दावा ठोका जाता रहा है उसके साथ अमेरिका ने 33 करोड़ डॉलर के सैन्य साजो-सामान बेचने का सौदा कर लिया है। इस कदम पर चीन ने चिंता जताई है। आशंका है कि इस डील के बाद अमेरिका-चीन में तनाव और बढ़ेगा।अमेरिका ने किया चीन को चुभने वाला काम, 'रख दी गले पर छुरी..'

इससे पहले अमेरिका चीन के साथ आयात शुल्क के मुद्दे पर ट्रेड वॉर छेड़ रखा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि इस सौदे के तहत ताइवान के कई सैन्य विमानों के लिए अमेरिकी कलपुर्जे मुहैया कराए जाएंगे, जिनमें एफ-16 लड़ाकू विमान और सी-130 कार्गो प्लेन शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन ने ताइवान को 33 करोड़ डॉलर का सैन्य साजो-सामान बेचने को मंजूरी दे दी है। इस रक्षा डील पर आपत्ति उठाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस के पास 30 दिन का समय होगा। इसे कांग्रेस की भी मंजूरी मिल जाने की पूरी संभावना है।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस सौदे पर गहरी चिंता जताई है जबकि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने ताइवान के साथ इस डील का बचाव किया है। पेंटागन के मुताबिक ताइवान की रक्षा क्षमताएं मजबूत करने से अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा में मदद मिलेगी। इस डील से चीन का नाराज होना स्वाभाविक है, क्योंकि ताइवान की अपनी एक स्वतंत्र सरकार होने के बावजूद चीन ‘वन चायना’ नीति के तहत उसे अपना हिस्सा मानता है। इसीलिए ताइवान के साथ किसी भी देश का सहयोग चीन को चुभता है।

ट्रेड वॉर पर चीन बोला, दूसरे के गले पर छुरी रख रहा अमेरिका

चीन ने मंगलवार को कहा कि उसके लिए अमेरिका के साथ ऐसे हालत में व्यापार पर बातचीत करना असंभव है जबकि वह उसके खिलाफ लगातार ऊंचे शुल्क लगाए जा रहा है। चीन ने अमेरिका की इस तरह की व्यापार कार्रवाई की तुलना ‘दूसरे के गले पर छुरी रखने’ से की है। चीन का यह बयान अमेरिका में आयातित 200 अरब डॉलर मूल्य के चीनी माल पर 10 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाने की कार्रवाई के एक दिन बाद आया है।

चीन के वाणिज्य उप-मंत्री वांग शोउवेन ने कहा, ‘अमेरिका ने इतने बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लगाकर दूसरे के गले पर छुरी रख दी है, इन हालातों में वार्ता कैसे हो सकती है।’ अमेरिका ने पहले से ही 60 अरब डॉलर के चीनी सामानों पर 25 प्रतिशत तक का ऊंचा शुल्क लगा रखा है। जवाब में चीन ने भी अमेरिका से 60 अरब डॉलर के उत्पादों पर शुल्क लगाने का निर्णय किया है। चीन के उद्योग व सूचना प्रौद्योगिकी उपाध्यक्ष लुओ वेन ने कहा कि हम चीनी कंपनियों को उन्हें आ रही परेशानियों से उबारने में हर तरह के उपाय करेंगे। चीन ने कंपनियों के लिए करों का बोझ कमजोर करते हुए कारोबारी माहौल को अनुकूल बनाने का प्रयास किया है।

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